Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

साहित्यकुंज की कवि गोष्ठी आयोजित

साहित्यकुंज की कवि गोष्ठी आयोजित

गाइये और गुनगुनाते रहिये :श्रीराम राय
औरंगाबाद,29 नवम्बर। औरंगाबाद जिला की लोकप्रिय संस्थाओं में शुमार साहित्य,कला व संस्कृति की संवाहक संस्था "साहित्यकुंज" द्वारा जिला मुख्यालय स्थित श्रीकृष्ण नगर में वरीय कवि श्रीराम राय के आवास पर लोकप्रिय प्रोफेसर व संत स्वभाव
के धनी व्यक्तित्व एस पी राय की स्मृति को समर्पित एक कवि गोष्ठी आयोजित की गई।
गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्यकुंज के कार्यकारीअध्यक्ष एवं वरीय कवि श्री राम राय ने की जबकि मंच संचालन साहित्यकुंज के महासचिव व वरीय रचनाकार अरविन्द अकेला ने किया ।
मंच संचालक श्री अरविन्द अकेला ने गोष्ठी की शुरुआत करते हुये कहा कि "आओ अंधेरों की बस्ती में,प्रकाश की बात करें,नफरत की दुनियाँ छोड़कर,प्यार की बात करें "।
गोष्ठी की शुरुआत करते हुये पहले कवि के रूप में पधारे औरंगाबाद हिन्दी साहित्य सम्मेलन के महासचिव एवं वरीय कवि धनंजय जयपुरी ने अपनी पुरानी मगही कविता "पापा हमरो देख दाख के तु करा दा शादी,मैट्रिक हमहु पास करब नय,होइतो पैसा के बर्बादी" सुनाकर लोगों का मन गुदगुदाया । जय पुरी की सरस्वती वंदना भी काफी सराही गयी।
श्री राम राय की इन पंक्तियों "गाइये और गुनगुनाते रहिये,जहाँ भी रहिये मुस्कुराते रहिये,
छोटी सी उम्र समझिये धरती पर,याद उपरवाले की करते रहिये"सुनाकर लोगों का दिल जीत लिया।
साहित्यकुंज के महासचिव व वरीय रचनाकार अरविन्द अकेला ने अपनी श्रृंगारिक कविता"मेरे प्यार के गाँव में " कि इन पंक्तियों "जब शाम ढले कोयल कुहके ,पंछी चहके जब दिल धड़के,चले आना बरगद के तले,मेरे प्यार के गाँव में "को सुनाकर सभी लोगों का मन मोह लिया।
इस गोष्ठी में श्री जयराम राय,बिन्दु राय,पुनम राय,ज्योति कुमारी व साधना सिन्हा की उपस्थिति देखने को मिली।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रीजयराम राय ने किया।
----000---- अरविन्द अकेला
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ