कंगना का अक्षम्य अपराध
(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)
नायक और महानायक हमंे प्रेरणा देते हैं। फिल्मी हीरो और हीरोइनों को तो नवयुवक अपना आदर्श मानने लगे हैं। विज्ञापन की दुनिया मंे इसीलिए इनको लाखों रुपये देकर सामने लाया जाता है। बालीवुड की जानी मानी अभिनेत्री कंगना रनौत पिछले लगभग एक साल से राजनीतिक गलियारों मंे भी चर्चित हो गयीं। उन्होंने कुछ फिल्मों मंे यादगार भूमिका भी निभाई है। अभी पिछले दिनों उन्हंे भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री की उपाधि भी दी गयी। इस तरह का सम्मान पाकर उनको और ज्यादा विनम्र हो जाना चाहिए था। पद्मश्री पाने के बाद कंगना रनौत ने कहा भी था कि वे अपने को धन्य समझ रही है। इतना सब होते हुए वे देश की आजादी के दिवस अर्थात् स्व्तंत्रता दिवस के प्रति ऐसी भावना कैसे प्रकट कर रही हैं। इस दिवस को देखने के लिए देश के लाखों लोग कुर्बान हुए, तब कहीं 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली थी। कंगना रनौत कहती हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमंे आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी और आजादी तो 2014 मंे मिली थी। ध्यान रहे कि 2014 मंे देश मंे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मंे भाजपा सरकार बनी थी लेकिन भाजपा के नेताओं ने स्वाधीनता दिवस का
हमेशा सम्मान किया है। कंगना रनौत का यह अपराध अक्षम्य है और विपक्षी दल के नेता ही नहीं, भाजपा के नेताओं को भी इसका खुलकर विरोध करना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद वरुण गांधी ने इसीलिए अभिनेत्री कंगना रनौत की उस कथित टिप्पणी पर निशाना साधा, जिसमें रनौत ने कहा था कि भारत को आजादी 2014 में मिली और जो 1947 में मिली, वो भीख थी। वरुण गांधी ने अभिनेत्री का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया जिसमें एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान रनौत को यह कहते सुना जा सकता है, ”वह आजादी नहीं, बल्कि भीख थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली।” हाल में पद्मश्री सम्मान पाने वाली रनौत का इशारा 2014 में भाजपा के सत्ता में आने की तरफ था। अभिनेत्री पूर्व में भी अपने दक्षिणपंथी बयानों को लेकर विवादों में रही हैं।
कंगना रनौत के इस बयान पर वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पांडेय से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’ वहीं, कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर पलटवार करते हुए कहा, ‘मैंने बिल्कुल साफ कहा है कि 1857 की क्रांति, पहला स्वतंत्रता संग्राम थी, जिसे दबा दिया गया और इसके परिणामस्वरूप अंग्रेजों के जुल्म व क्रूरता और बढ़ गए तथा करीब एक शताब्दी बाद हमें गांधी जी के भीख के कटोरे में आजादी दी गई।’ कंगना रनौत के इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक पार्टियां भी उन्हें घेरने में लग गई हैं। आम आदमी पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति मेनन ने मुंबई पुलिस के पास कंगना के खिलाफ शिकायत करके पुलिस से विवादित देशद्रोही टिप्पणी के लिए प्राथमिक दर्ज करने की मांग की है। अभिनेत्री के बयान पर शिवसेना ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। बॉलीवुड की चर्चित फिल्म अभिनेत्री और पद्मश्री कंगना रनौत के खिलाफ राजस्थान की जोधपुर पुलिस केस दर्ज कर सकती है। कांग्रेस विधायक मनीषा पवार ने कंगना के खिलाफ शास्त्री नगर थाने में परिवाद पेश किया है। शास्त्री नगर पुलिस थाना अधिकारी पंकज माथुर को विधायक मनीषा ने परिवाद सौंपा है। भारत की आजादी को लेकर कंगना द्वारा दिए गए बयान के खिलाफ परिवाद पेश किया गया है। अभिनेत्री पर आईटी एक्ट व भारतीय दंड संहिता की धाराओं में मामला दर्ज करने के लिए परिवाद विधायक की ओर से दिया गया है।
सोशल मीडिया पर कंगना के इस बयान का वीडियो शेयर कर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है। इसके अलावा कई दलों के नेताओं ने भी इस बयान की निंदा की है। राजस्थान महिला कांग्रेस ने प्रदेश के सभी जिलों में कंगना के खिलाफ मामला दर्ज करवा दिया है। महिला कांग्रेस अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाने के लिए परिवाद दे रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कंगना के बयान पर कहा कि ‘कंगना रनौत का बयान महात्मा गांधी, पंडित नेहरू और सरदार पटेल जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का भी अपमान है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि ‘मैं मांग करता हूं कि कंगना रनौत को अपने बयान के लिए सभी देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हुआ है। भारत सरकार को ऐसी महिला से पद्मश्री सम्मान वापस लेना चाहिए जिसने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, सरदार भगत सिंह का अपमान किया है।
उधर, कंगना रनौत को ‘पंगा गर्ल’ यूं ही नहीं कहा जाता। अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में रहने वाली कंगना एक बार फिर से खबरों में छाई हुईं हैं। अपनी बात को ‘डंके के चोट’ पर कहने वाली कंगना ने देश की आजादी को लेकर एक ऐसा बयान दे डाला कि कई लोगों को उनकी टिप्पणी बिलकुल पसंद नहीं आई।
वरुण गांधी के ट्वीट को देख आगबबूला हुईं कंगना रनौत ने अपनी भड़ास एक बार फिर से सोशल मीडिया पर निकाली। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर वरुण गांधी के ट्वीट के साथ अपनी बात रखते हुए कहा- ‘मैंने 1857 के देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम का भी जिक्र किया था, जो नाकामयाब रहा था, जिसके कारण ब्रिटिश का अत्याचार और क्रूरता और बढ़ गई थी। हालांकि लगभग 100 साल बाद हमें गांधी जी के भीख मांगने पर आजादी मिली। जा और रो। अब ’कंगना के इस बयान के बाद वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘कभी महात्मा गांधी जी के त्याग और तपस्या का अपमान, कभी उनके हत्यारे का सम्मान और अब शहीद मंगल पांडेय ले लेकर रानी ल्क्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों का तिरस्कार। इस सोच को मैं पागलपन कहूं या फिर देशद्रोह?’ कंगना ने वरुण को उनके इस ट्वीट का जवाब दिया है। कंगना रनौत एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंची हुई थीं। इस दौरान बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ‘सावरकर, रानी लक्ष्मीबाई और नेताजी सुभाषचंद्र बोस इन लोगों की बात करूं तो ये लोग जानते थे कि खून बहेगा, लेकिन ये भी याद रहे कि हिंदुस्तानी-हिंदुस्तानी का खून नहीं बहाए। उन्होंने आजादी की कीमत चुकाई, पर वो आजादी नहीं थी वो भीख थी और जो आजादी मिली है वो 2014 में मिली है।’
बहरहाल, कंगना रनौत के खिलाफ मुंबई में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति मेनन की शिकायत का कंगना को सामना करना पड़ रहा है। राजनीतिक दल ने अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा दिए गए अपमानजनक बयानों की निंदा की और आग्रह किया कि कंगना के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाए। (हिफी)दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

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