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मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की

  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के कल्याण एवं उत्थान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।
  • अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति का आकलन करते रहें और उसके आधार पर चीजों को बेहतर करें, ताकि उनका समुचित विकास हो सके।
  • सामुदायिक भवन-सह-वर्कशेड की फंक्शनलिटी और मेंटेनेंस को लेकर इसका आकलन करें, ताकि इसको और उपयोगी एवं बेहतर बनाया जा सके।
  • छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति योजना के तहत आवासीत छात्र-छात्राओं को प्रति माह 15 किलोग्राम की दर से खाद्यान्न आपूर्ति की व्यवस्था जारी रखें।
  • अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा की आबादी वाले प्रखंडों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता, विद्यालय का मॉडल सहित अन्य जरुरी चीजों का आकलन करें।
  • छात्रवृत्ति एवं मेधावृत्ति योजनाओं का संचालन ठीक से करते रहें ताकि इसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिलता रहे।
  • पुराने, जर्जर छात्रावास को नए भवन के रुप में परिणत किया जाना है उनका निर्माण कार्य तेजी से पूरा करें।

पटना, 07 अक्टूबर 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की।

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव श्री दिवेश सेहरा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग की विभिन्न योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने आवासीय विद्यालय, छात्रावास योजना, छात्रवृत्ति एवं मेधावृत्ति योजना, थरुहट क्षेत्र विकास योजना, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद से हमलोगों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलायी हैं। उनकी सुविधाओं एवं उत्थान के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति का आकलन करते रहें और उसके आधार पर और चीजों को बेहतर करें, ताकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का समुचित विकास हो सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ बौद्धिक एवं सांस्कृतिक विकास को लेकर सामुदायिक भवन-सह-वर्क शेड का निर्माण कराया गया है। इसमें जरुरी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। इन सभी सामुदायिक भवनों की फंक्शनलिटी, मेंटेनेंस को लेकर आकलन करें, ताकि इसको और उपयोगी एवं बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति एवं मेधावृत्ति योजनाओं का संचालन ठीक से करते रहें ताकि इसका लाभ छात्र-छात्राओं को मिलता रहे। थरुहट समाज हेतु चलायी गई विकासात्मक योजनाओं की अद्यतन स्थिति का आकलन करें और इस समाज के विकास के लिए सभी जरुरी कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराने, जर्जर छात्रावासों को नये भवन के रुप में परिणत किया जाना है उनका निर्माण कार्य तेजी से पूरा करें। आवासीय विद्यालयों में आवासीत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने हेतु ‘दीदी की रसोई’ के माघ्यम से मेस संचालन का कार्य कराया जा सकता है। छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति योजना के तहत आवासीत छात्र-छात्राओं को प्रति माह 15 किलोग्राम की दर से खाद्यान्न आपूर्ति की व्यवस्था जारी रहे, इसे सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा की आबादी वाले प्रखंडों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मॉडल आवासीय विद्यालय की स्थापना हेतु भूमि की उपलब्धता, विद्यालय का मॉडल सहित अन्य जरुरी चीजों का आकलन करें।

बैठक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव श्री दिवेश सेहरा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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