दृष्टि कुदृष्टि
--:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र"अणु"
----------------------------------------
(१)
मंथरा ने
समझाया कैकेयी को
उल्टी-सीधी बात
रानी!राम राजा बन जाऐंगे
देख लेना कल प्रात
(२)
कैकेयी ने किया कोप
देखकर राजा हुए बेबस
फंसे त्रिया चरित्र में
पाया स्त्रैण का अपयश
(३)
एक नारी
मनाना चाही जंगल में मंगल
लक्ष्मण ने काट दी नाक-कान
और वह उग्र हो गई
देख अपना अपमान
(४)
एक नारी अपमान के कारण
हरी गई एक नारी
फिर कैसा युद्ध हुआ
ये जानती है दुनियां सारी
(५)
नारी रचाती है सृष्टि
पडे दृष्टि या कुदृष्टि
----------------------------------------
वलिदाद,अरवल(बिहार)
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com