शरद पूर्णिमा

--:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र"अणु"
----------------------------------------
आज चांद,
देखो मुस्कुरा रहा है-
एकदम स्वच्छ आकाश में।।
और धीरे-धीरे,
आ रही है धवल चांदनी-
भरकर नव-नव उल्लास में।।
दिशाएं आह्लादित है,
और झींगुर है गान रत-
जुगनू जगमगा रहा है पास में।।
चांदनी को देखकर,
आज कितना मुग्ध है चांद-
मानों अमृत मिल गया प्यास में।।
ये शरद की पूर्णिमा,
उन्मुक्त लूटा रही मधुरिमा-
उत्कंठित मिलन की मधुमास में।।
आओ हम मिलकर,
कर ले इनदोनों का स्वागत-
इस शरद पूर्णिमा की महारास में।।
----------------------------------------
वलिदाद,अरवल(बिहार)
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com