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शरद पूर्णिमा

शरद पूर्णिमा

      --:भारतका एक ब्राह्मण.
       संजय कुमार मिश्र"अणु"
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आज चांद,
देखो मुस्कुरा रहा है-
एकदम स्वच्छ आकाश में।।
और धीरे-धीरे,
आ रही है धवल चांदनी-
भरकर नव-नव उल्लास में।।
दिशाएं आह्लादित है,
और झींगुर है गान रत-
जुगनू जगमगा रहा है पास में।।
चांदनी को देखकर,
आज कितना मुग्ध है चांद-
मानों अमृत मिल गया प्यास में।।
ये शरद की पूर्णिमा,
उन्मुक्त लूटा रही मधुरिमा-
उत्कंठित मिलन की मधुमास में।।
आओ हम मिलकर,
कर ले इनदोनों का स्वागत-
इस शरद पूर्णिमा की महारास में।।
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वलिदाद,अरवल(बिहार)
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