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शत शत नमन

शत शत नमन 

शत शत नमन आज उन्हें,
जो थे देश के लाल,
देश के लिए थे वे बहादुर,
हृदय था बङा, विशाल।
    शत शत नमन...।

कायस्थ कुल में जन्म लिये वह,
थे गुदङी के लाल,
शास्त्री बनकर चमके गगन में,
किये ऊँचा भारत का भाल।
     शत शत नमन...।

देश में जब खाद्यान्न संकट गहराया ,
जय जवान,जय किसान का नारा लगाया,
बचाया उन्होंने देश को दुश्मन से,
नहीं होने दिया देश को कंगाल ।
     शत शत नमन...।

सुना हूँ थे वे कर्मठ,इमानदार ,
करते थे वे अपने देश से प्यार,
आओ चलें हम उनके राहों पर,
करें हम उनसा कुछ कमाल।
     शत शत नमन...।
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          अरविन्द अकेला
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