Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

कलम का हुंकार हूँ मैं

कलम का हुंकार हूँ मैं

डॉ. इंदु कुमारी
रामधारी सिंह दिनकर राष्ट्रकवि
जम-मन के प्रणेता प्रेरक  छवि
राजनीति के प्रहरी के पहले कवि
पैनी दृष्टि पहुँची पहले ऐसे थे रवि
कालजयी रचनाएं धूमिल न होगी
चमके चाँद सितारे मलिन न होगी
साहित्य जगत के जीवंत हस्ताक्षर
इनकी ना मिटने वाली शब्दाक्षर है
अंग्रेज भी कांपते  कलम हुंकार से
गूंजती भारतभूमि जयजयकार से
सत्त में संकोच न धरते अपनों' से
हुई चीन से हा सिर झुके घूटनों में
बिहार के बागों के दिनकर लाल
टैगौर गाँधी मा्र्क्स रूप इकबाल
जन कवि का दर्जा सहज मिले
माटी की सुगंध सर्वत्र है  फैले
राष्ट्रभक्ति बसी थी नस-नस में
फिजाएं आहत थी तन मन में
समाज में चेतना का अलख 
जगाया रसवंती का कर संचार
प्रेम सौहार्द का भंगिमा फैलाया
ऐसे स्नेही विरले ओजी सपूत
दिनकर जयंती पर सादर नमन ।
 हिन्दी विभाग , मधेपुरा ( बिहार )
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ