Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

क्रूर मुगलों का महिमामंडन करनेवाले चलचित्र और उनके प्रायोजकों का हिन्दू बहिष्कार करें ! - अधिवक्ता सुभाष झा, सर्वोच्च न्यायालय

‘दी एम्पायर : क्रूर इस्लामी आक्रमकणकारियों का गुणगान’ इस विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद !

क्रूर मुगलों का महिमामंडन करनेवाले चलचित्र और उनके प्रायोजकों का हिन्दू बहिष्कार करें ! - अधिवक्ता सुभाष झा, सर्वोच्च न्यायालय

        आज बॉलीवुड मुसलमानों के श्रद्धास्थानों पर आक्रमण करनेवाले चलचित्र (फिल्मबनाने से डरता हैक्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी जान जा सकती है अथवा उन्हें तीव्र विरोध का सामना करना होगा । जब उन्हें बोध होगा कि हिन्दुआें के श्रद्धास्थानों पर आक्रमण करने पर हिन्दू समाज भी हमें हानि पहुंचा सकता हैतभी वे हिन्दुआें के विरोध में चलचित्र प्रदर्शित करने का साहस नहीं करेंगे । इस हेतु सभी हिन्दुआें को संगठित होकर ऐसे चलचित्रों पर और चलचित्रों के प्रायोजकों की सभी वस्तुआें का बहिष्कार करना चाहिए । उनका तीव्र विरोध करना चाहिए । ऐसा होने पर बॉलीवुड अवश्य ही उसका संज्ञान लेगा । इस हेतु हिन्दुआें को निरंतर प्रयास करना चाहिए । अन्य हिन्दुआें को शिक्षित करना चाहिएऐसा प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सुभाष झा ने किया । हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘दी एम्पायर क्रूर इस्लामी आक्रमकणकारियों का गुणगान’ इस विषय पर आयोजित विशेष संवाद में वे बोल रहे थे ।

        इस संवाद में बोलते हुए विवेकानंद कार्य समिति के कार्याध्यक्ष श्रीनीरज अत्री ने कहा कि जब राममंदिर का निर्माणकार्य हो रहा हैतभी बाबर का महिमामंडन करनेवाली ‘दी एम्पायर’ नाम की वेब सीरीज आती है । यह केवल संयोग न होकर सुनियोजित षड्यंत्र है । पहले वे लोग तलवार के बल पर धर्मांतरण करते थे । वर्तमान में मन पर सर्वाधिक परिणाम करनेवाली ‘वेब सीरीज’ जैसे आधुनिक तकनीक का शस्त्र के रूप में उपयोग किया जा रहा है । हमें भी ऐसे असत्य प्रचार का उसी भाषा में अभ्यासपूर्ण उत्तर देना चाहिए । तो ही ‘कबीर खान’ जैसे मुसलमान निर्देशक सार्वजनिक रूप से ‘मुगल राष्ट्र निर्माता थेे’ ऐसा झूठ बोलने का साहस नहीं करेंगे । साथ ही केंद्रीय शिक्षा संस्थासेन्सर बोर्ड और अनेक स्थानों पर जो कम्युनिस्ट और जिहादी मानसिकता के लोग बैठे हैं । उन्हें उत्तर देने के लिए वीर सावरकरजी के बताए अनुसार ‘राजनीति का हिन्दूकरण करना चाहिए ।’ जिससे सत्य इतिहास लोगों के सामने आएगा ।

         सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्रीअभय वर्तक ने कहा कि ‘मुगल--आजम’ से लेकर ‘दी एम्पायर’ तक इस्लामी आक्रमणकारियों का गुणगान कर उनका महिमामंडन किया गया है । मुगलों के प्रति सहानुभूति रखनेवाले पहले भी थे और वे आज भी जीवित हैं । राममंदिर सहित अनेक हिन्दू मंदिरों को तोडनेवाला बाबरतैमूर का वंशज था । वह मनुष्य नहींअपितु हिंसक प्राणी था । आज अभिनेता सैफअली खान अपने बेटे का नाम तैमूर रखते हैं । इससे उनकी मानसिकता ध्यान में आती है । भविष्य में तालिबान भारत पर आक्रमण कर सकता है । ऐसे में ‘दी एम्पायर’ चलचित्र द्वारा बाबर को पुनजीवित करभारत के तालिबानी समर्थकों में उत्साह निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है । हिन्दू जनजागृति समिति के मध्यप्रदेश और राजस्थान समन्वयक श्रीआनंद जाखोटिया ने कहा कि जिस समय करीम लालादाऊद इत्यादि पांच प्रमुख अपराधिक टोलियों में सर्वाधिक मुसलमान थेतब भी उन पर चलचित्र बनाते समय डॉन की भूमिका सदैव हिन्दुआें को दी जाती थी । अर्थात अपराधी कौनहिन्दू । ‘विजय’ की भूमिका करनेवाला अमिताभ बच्चन मंदिर के भीतर नहीं जातापरंतु उसे ‘786’ का बिल्ला बचाता हैऐसा दिखाया गया । यही मानसिकता आज भी बॉलीवुड में है । इस मानसिकता का विरोध किया जाना चाहिए ।
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ