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निःसंतानो को वेझिझक वैज्ञानिक उपचार अपना कर संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए –उपमुख्यमंत्री

निःसंतानो को वेझिझक वैज्ञानिक उपचार अपना कर संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए –उपमुख्यमंत्री 

हमारे संवाददाता जितेन्द्र कुमार सिन्हा की खास खबर 
इन्दिरा आईवीएफ पटना सेंटर  निःसंतान दम्पतियों के लिए  आईवीएफ उपचार देती है, और इस उपचार से हजारों दम्पती लाभान्वित हुए हैं | यह इस बात से  प्रमाणित है कि यहां की टीम गर्भधारण के इच्छुक निःसंतान दम्पतियों की मदद कर रहा है और मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उक्त बातें इन्दिरा आईवीएफ का छठा स्थापना दिवस के अवसर पर उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कही।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादातर लोग निःसंतानता की समस्या के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं जबकि निःसंतानता के लिए वैज्ञानिक उपचार अपनाने में झिझक नहीं होनी चाहिए और उपचार प्राप्त करके संतान सुख की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

स्थापना दिवस कार्यक्रम  का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रोसड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार, और डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से किया । 

पटना सेंटर प्रमुख्य डॉ.दयानिधि ने बताया कि वर्ष 2011 में इसकी शुरूआत की गई थी और उसके बाद से देशभर में 100 केंद्रों के माध्यम से 85 हजार से अधिक सफल आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ हासिल पिछले 6 वर्षों में, संतान की चाह रखने वाले परिवारों की मदद की है।

उन्होंने यह भी बताया कि फर्टिलिटी श्रृंखला इन्दिरा आईवीएफ के पटना केंद्र ने निःसंतान दम्पतियों के माता-पिता बनने के सपने को साकार करने के लिए 2015 से 
 अबतब हजारों दम्पतियों को आईवीएफ उपचार से लाभान्वित  कर चुका है।  

उक्त अवसर पर विधायक वीरेन्द्र कुमार ने बधाई देते हुए कहा कि "निःसंतानता भारत छोड़ो अभियान" के माध्यम से इन्दिरा आईवीएफ ने हजारों दम्पतियों को जागरूक किया है, उनका यह प्रयास भविष्य में निःसंतान के जुड़े भ्रम को दूर करने और उपचार की ओर कदम बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।   

डॉ.ज्ञानेन्द्र ने आधुनिक जीवनशैली को संतुलित करने पर जोर देते हुए कहा कि तनाव और खराब खानपान से स्वास्थ्य खराब होता है जिसके कारण निःसंतान की समस्या भी उत्पन्न रही है। 

वर्चुअल माध्यम से जुड़े इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह संस्थापक डॉ. क्षितिज मुर्डिया ने कहा कि  “निःसंतानता और फर्टिलिटी उपचार से संबंधित जागरूकता की कमी रहने के कारण महिलाओं को कष्ट होता है। भारत में प्रजनन आयु के 22 से 33 मिलियन दम्पती निःसंतानता से प्रभावित हैं। 

उन्होंने ने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि निःसंतानता पुरुषों, महिलाओं या दोनों में हो सकती है।  निःसंतानता से जुड़ी भ्रान्तियों को दूर करना और जागरूकता फैलाना हमारा मुख्य ध्येय है, हम भारत में 2000 से ज्यादा निःशुल्क परामर्श शिविरों के माध्यम से जागरूकता फैलाने में कामयाब रहे हैं। बिहार में अधिक से अधिक स्थानों पर दम्पतियों को संतान सुख के लिए उच्चस्तरीय उपचार देने का प्रयास जारी है।

उक्त कार्यक्रम में बिहार के प्रमुख चिकित्सकों सहित 200 से अधिक बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों द्वारा किये गये सेवा कार्यों की सराहना की गयी।  

स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में एक उद्देश्य के साथ संचालित इन्दिरा आईवीएफ भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में भी निःसंतानता के उपचार को सुलभ करा रहा है। आईवीएफ प्रेगनेंसीज़ के मामले में आज देश में सबसे बड़ी और भरोसेमंद फर्टिलिटी श्रृंखला है।

सेंटर की डॉ. अनुजा सिंह ने बताया कि अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ इन्दिरा आईवीएफ अनगिनत दम्पतियों को निःसंतानता की जटिल यात्रा को नेविगेट करने और परिवार पूरा करने के सपने को साकार करने में मदद कर रहा है। 

डॉ. सुनिता कुमारी ने कहा कि यहां अंडाणु और शुक्राणु  की फ्रिजिंग के लिए परामर्श और सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं जो कई युवा पुरुषों और महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है, जो फैमिली प्लानिंग को डिले करना चाहते हैं।  

कार्यक्रम में डॉ. अनुपम कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. सोनाली गुप्ता ने भी अपने-अपने विचार रखे।
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