सौ बहाने बनाने पड़े
झूठ जब भी छिपाने पड़े
सौ बहाने बनाने पड़े
सत्य के साथ जो हैं खड़े
उन्हें कब सिर झुकाने पड़े
काम आता नहीं जब कोई
मित्र भी आजमाने पड़े
वो समझता नहीं है मुझे
हाल जिसको सुनाने पड़े
था जिनपे भरोसा मेरा
उनसे धोखे ही खाने पड़े
हो गया प्यार जब किसी से
नाज-नखरे उठाने पड़े
आपका 'जय' मिला साथ तो
प्यार के गीत गाने पड़े
*
~जयराम जय
पर्णिका-बी ,11/1कृष्णविहार आवास विकास
कल्यणपुर कानपुर 208017 (उ.प्र.)
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com