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ओछी हरकत

ओछी हरकत

          --:भारतका एक ब्राह्मण.
            संजय कुमार मिश्र 'अणु'
ओछे जन की ओछी हरकत।
मिटाता प्रेम बढ़ाता नफरत।।
ये उससे हीं केवल प्रेम रखेगे-
होती हो गर कोई पुरी जरुरत।।
बोली बोलते सुंदर अति सुंदर,
फिर दिखलाते अपनी जुर्रत।।
पल पल रंग बदलते रहते हैं,
हंसी बना चेहरा खुबसूरत।।
हैं सबका करते बदनाम नाम,
बता खुद को ममता की मूरत।।
आएगी सब सच्चाई सामने,
दो पल जाने दो कलुष मुहूरत।।
जल मरो देखकर 'मिश्रअणु' को
देख देखकर नेकी की हरकत।।
तुम नहीं बिगाड़ोगे मेरा कुछ-
जबतक है उपर वाले की रहमत।।
तड़प तड़प कर मर जायेगी-
तेरे दिल की सारी हसरत।।
धरा का धरा रह जायेगा ऐसे हीं,
ये भाग दौड़ की सारी कसरत।।
           वलिदाद अरवल (बिहार)
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