✒️--:भारतका एक ब्राह्मण.
संजय कुमार मिश्र 'अणु'
सबरे सबेरे मोबाइल टुनटुनाय लगल।देखली टेटिहा के कौल हे।न चाहते भी उठवली।पांव लगी के बाद बात खुलल।टेटिहा कहे लगल -- एगो काम हे।हम तो सब करके थक गेली।तबs अपने के इयाद परल।हमहुं कहली--कहs।
टेटिहा कहे लगल -- हमर एगो जेजमान हे।ओकर घरे से सब समान धयले-धयले गायब हो जा रहल हे।बड़ी उपचार करवयलक लेकिन कोई लाभ न भेल।हमरा कहलक तो हमहु दु चार टान ली लेकिन समस्या बनले हे।उ हमरा रोज-रोज पुछे लगल।हम हाथ-गोड खडा कर देली तो कहलक की जदि कोई जानकर हे अपने के नजर में तs हमरा बताईं।एह लेल हम अपनहीं के बारे में कह देली।देखीं अब हमर लाज बचाईं।न गर कुछ होएत तो ओकरा पईसा तो लौटावे परी हमरा।एह से अपने ई काम बना देईं तो जय-जयकार होई।
गुदर बाबा टेटिहा के बात सुन के गदगदा गेलन।कहलन हमरा बात कराव।सुनते टेटिहा नंबर लगा के जजमान से बात करववलक।गुदर बाबा बइठले बइठले सब समझा देलन ओकरा। जेजमान तो गुदर बाबा के बाते सुनके बमबमा गेल।जब खर्चाबारी के बात होएल तो टेटिहा कहलक हम ओकरा समझा देबs अपने के कुछ कहे के जरूरी न हे बस पहुंच के काम बना देईं बस।गुदर बाबा टेटिहा के बतवलन हम ई काम करें में दस हजार लेम।टेटिहा कहलक ठीक हे देली।पांच दिन बाद जाय के प्रोग्राम बन गेल।
चार दिन बीत गेल।पचवां दिन टेटिहा गाडी लेके गुदर बाबा के घरे आ गेल।भोजन भात के बाद श्रीगणेश भेल।गुदर बाबा के साथे एगो लटकन रह हल ओहु साथे लग गेल।टेटिहा खुदे गाड़ी हाके लगल।रास्ता में टेटिहा कहलक की टिल्हा पर दु लोग हमर इंतजार में हथ कहीं तs उनकरो लपेट लेल जाय।काहे न कहs के गुदर बाबा अपन मुडी हिला देलन।बात हल की दिन भर में काम करके लवटहुं ला हे पर टिल्हे पहुंचईत दिन डूब गेल। जेजमान तबडतोड फोन करे लगल।हमनी पहुंचली रात के आठ बजे।लगल जजमान पुछे तो टेटिहा कहलक --ऐतना जाम!एतना जाम की मत पुंछी हमरा इनकर घरे जाय में छौ घंटा लग गेल।बाबा भी घरे न हलन।दु घंटा इनकर घरे ठहरे परsल।ओने से आवहुं में ओतने फजिहत।का करब?होबे करs हे।चलs जल्दी-जल्दी काम करs।सब होते हवाते एक बज गेल।टेटिहा अपन डेरा में ले गेल।हमनी रात गुजरली।सबरे निकले के बात हल।टेटिहा कहीं निकल गेल कि हम आवईत ही कह के आएल दु बजे दिन में।गुदर बाबा के मिजाज तो एकदम पकपकाय हल।आवते कहल -- माफ करब! तनी ओने चल गेली हल।ओने मतलब?
लटकन गुदर बाबा से पुछलक -- का बाबा ई टेटिहा के हे?काहेला एकर फेर में पर गेली।ई तs देखही में चार सौ बीस हे।एकरा पर भरोसा मतलब नरक के रस्ता।गुदर बाबा चुप रहेंके इशारा कएलन।बाद में बतबव लटकन।बड़ी बड़ी खीस्सा हे। वलिदाद अरवल (बिहार)
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