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पितृ दिवस पर विशेष...

पितृ दिवस पर विशेष...

यदि आप अपने पिता का और पिता समान सभी बुजुर्गों का सच्चे हृदय से सम्मान करते हैं तो आपको पितृ दिवस पर पिता की तस्वीर के साथ अपने पिता के त्याग, समर्पण और उनके आदर्शों की चर्चा करने पर आपको गर्व का अनुभव होगा । साथ ही उम्र भर आपको इस बात की संतुष्टि होगी कि मैंने पिता की सेवा सच्चे हृदय से की । आपके पिता ने आपको ऐसा बनाया कि आप किसी भी संकट में घबराते नहीं है। उनके संघर्षों को देखते हुए उनसे आपको आत्मबल मिलता है । आप हमेशा गौरवान्वित रहेंगे की पिता ने मुझे इस काबिल बनाया कि हम समाज में सम्मान के साथ सर उठाकर जी सकें ।

पर यदि आप अपने पिता का सम्मान करने का सिर्फ दिखावा करते हैं या सिर्फ स्वार्थ के वशीभूत होकर उनके करीब रहते हैं और समाज को दिखाने के लिए उनकी तस्वीर पर माला चढ़ाना, अगरबत्ती दिखाने का ढोंग करते हैं तो यह सब करके आप अपने आप को धोखा देते हैं । यदि आपने उम्र भर अपने माता-पिता का सम्मान नहीं किया ,उनकी बातों का उल्लंघन किया ,उन्हें अपमानित किया तो आपके लिए किसी भी प्रकार का पूजा- पाठ , आदर्श की बातें और बच्चों के बीच बैठकर पिता के साथ अपने संबंधों का गुणगान करना बस एक प्रदर्शन और आपकी निर्लज्जता का परिचायक है ।
अंततः समाज ,रिश्तेदार और बच्चे जान जाते हैं कि आप कितने पानी में हैं।

कुछ स्वार्थी ऐसे भी हैं जो सिर्फ पिता की संपत्ति पाने के लिए उनका सम्मान करते हैं । अगर पिता नौकरी पेशे में हैं या पेंशन धारी हैं तो पैसे के लालच में वे उनसे मधुर संबंध बनाकर रखते हैं । कुछ तो ऐसे हैं जो अपने माता-पिता का इतना अपमान करने लगते हैं कि माता-पिता अपने सम्मान को बचाने के लिए उनके हाथ में रुपए दे देते हैं। कुछ माता-पिता को जान से मारने की धमकी देते हैं ताकि उन्हें पैसे मिलते रहे ऐसी कहानियां समाज में बहुत पढ़ने और देखने को मिलती हैं और सबसे दुख की बात है कि ऐसे कुकृत्यों में महिलाएं भी बराबर की हिस्सेदार हैं ।

ऐसे लोगों को आध्यात्मिक बातें समझ में नहीं आती फिर भी मैं यहां बताना चाहूंगा कि शास्त्र कहता है --
" जो अपने पिता का सम्मान नहीं करते, देवता कभी उनका सम्मान नहीं करते "

वेद प्रकाश तिवारी,देवरिया, उत्तर प्रदेश
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