योग पर कुछ दोहे
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सुबह-शाम नित कीजिये,
जमकर प्राणायाम।
मिल जायेगा आपको,
जीवन का आयाम ।।
जितना ज्यादा हो सके,
करअनुलोम-विलोम।
हो जायेंगे रोग सब,
निश्चय इक दिन होम ।।
'सुगर' दूर हो जायगा,
करें खूब मण्डूक ।
प्राणदेव ने कह दिया,
करें न इसमें चूक।।
करें भ्रांमरी मन लगा,
गुंजित हो आकाश।
बुद्धि बढ़े स्मृति बढ़े,
फैले दिव्य प्रकाश ।।
ओम हृदय की शक्ति है,
करें नित्य उद् घोष।
मन को मिलती शान्ति,
मिलता है सन्तोष।।
उछल कूद के साथ नित,
करिये कुछ व्यायाम।
आसन भी कुछ कीजिये,
मिल जाये आराम।।
मन उलझन में घूमता,
बना रोग का दास ।
हो जायेगा ठीक सब ,
चल योगा के पास ।।
दूर प्रकृति से हो गये,
घर-घर बैठा रोग ।
शेष रह गया मार्ग यह,
नित्य करें अब योग।।
ऋषियो-मुनियों ने दिया,
हमको यह वरदान।
योग विधा से मिल रहा,
जग में अब सम्मान।।
आर्य हमारी संस्कृति,
वेद पढ़ें सब लोग ।
कीर्ति सनातन की बढ़े,
करें योग ही योग।।
योग दिवस पर विश्व को,
उपयोगी संदेश।
करें योग नियमित सभी,
बदलेगा परिवेश।
★
~जयराम जय
पर्णिका,बी-11/1,कृष्ण विहार,आवास विकास,
कल्यापुर,कानपुर -20817(उ,प्र.)
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