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कर्तव्य पथ का योगी सीएम

कर्तव्य पथ का योगी सीएम

इसी उत्तर प्रदेश में एक मुख्यमंत्री हुआ करते थे चैधरी चरण सिंह। धोती कुर्ता पहनने वाले चैधरी साहब शक्ल सूरत से भी ग्रामीण नजर आते थे। बताते हैं कि गांव वालों के साथ पुलिस का व्यवहार परखने के लिए अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के किसी पुलिस थाने में पहुंच जाते। कितने ही पुलिस वाले उस समय सस्पेंड हुए थे। कुछ समय के लिए व्यवस्था भी सुधरी थी लेकिन फिर सब उसी ढर्रे पर चलने लगा। अभी 8 मईको खबर देखी कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुरादाबाद के एक गांव की गलियों में कोरोना से प्रभावित लोगों का हालचाल ले रहे हैं तो चैधरी चरण सिंह की याद आ गयी। हालांकि एक मुख्य मंत्री के लिए यह संभव भी नहीं है कि गांव गांव में जाकर व्यवस्था देखे। बिजली विभाग का एसडीओ अगर लाइनमैन का काम करने लगेगा, तब भी व्यवस्था चरमरा जाएगी लेकिन एसडीओ को इस पर निगाह जरूर रखनी पडेगी कि लाइनमैन अपना काम ईमानदारी से करे। कोरोना की इस महामारी में भय और दहशत की अनिश्चितता छायी हुई है। घर में किसी को खांसी आने लगे तो परिजन चिंतातुर होकर उसे देखने लगते हैं। चिंताएं बड़ी दूर तक चली जाती हैं। क्या इमर्जेंसी आने पर एम्बुलेंस मिल पाएगी? अस्पताल में बेड मिलेगा ? घर पर ही रहकर इलाज किया तो क्या दवाएं मिल पाएंगी? ये चिंताएं निराधार भी नहीं हैं। अभी 8 मई को ही हमारी कालोनी में एक वरिष्ठ पत्रकार को सांस लेने में परेशानी होने लगी। संभवतः सीटीस्कैन में वे कोरोना पाजिटिव पाए गए लेकिन लोग यह बताते हुए अब भी हिचकते हैं। इसके भी कारण हैं। कोई मदद को तो आता नहीं । बहरहाल, वरिष्ठ पत्रकार के बेटे ने एंबुलेंस मंगाने का प्रयास किया लेकिन नहीं मिली। हमने भी प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। बीमार के बेटे ने अपने एक संबंधी को बुलाकर देवा रोड स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। प्रदेश की राजधानी का यह हाल है । सरकार ने विभिन्न सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस के रेट भी तय कर दिये हैं और तय शुल्क से
ज्यादा शुल्क मांगे जाने पर शिकायत
ख्याति गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक 9454400517
विदिशा सिंह आरटीओ प्रवर्तन 7705824519 से की जा सकती है। आक्सीजन और दवाईयां पहुंचाने की भी इसी तरह व्यवस्था की गयी है। इस प्रकार सरकार की तरफ से होम आइसोलेशन से लेकर अस्पताल में भर्ती कराने तक की व्यवस्था की गयी है लेकिन इस व्यवस्था पर निगाह रखने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना वायरस संक्रमण से प्रभावित मरीजों की स्वास्थ्य व्यवस्था को परखने के लिए गत 8 मई को मुरादाबाद पहुंचे, जहां सीएम ने पहले कोविड कमांड सेंटर का दौरा करने के बाद अचानक मुरादाबाद जिले के मनोहरपुर गांव का निरिक्षण करने का कार्यक्रम तय कर दिया। ये कार्यक्रम अप्रत्याशित था ,जिसका अंदाजा अधिकारियों को भी नहीं था। इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला मनोहरपुर गांव पहुंचा। सीएम योगी के मनोहरपुर गांव में अचानक पहुंचने से लोगों में सीएम को देखने का कुतूहल जाग गया। योगी ने लोगों को देखकर खुद गाड़ी से उतर कर, गांव के गलियों की राह पकड़ ली। गांव के रास्ते भर चलते-चलते और लोगों के घरों के सामने खड़े होकर सीएम योगी ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर लोगों से उनका हाल चाल जाना। सीएम ने लोगों से पूछा दवाई वगैरह मिली क्या? क्या आप लोग कोरोना से बचाव का उपाय कर रहे हो? सवालों को पूछने के दौरान मुख्यमंत्री अधिकारियों को लगातार निर्देश भी देते दिखे। इससे पहले उन्होंने इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर का दौरा किया और इसके बाद सर्किट हाउस में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की। इसके साथ मुरादाबाद मंडल के अन्य जिलों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक भी की। ये सारे कार्यक्रम सीएम प्रोटोकॉल के अनुरूप तय थे। मुख्यमंत्री ने कहां, क्या कमी पायी इसके बारे में पता नहीं लेकिन कुछ कटु सच्चाइयों से उनका सामना जरूर हुआ होगा। कोरोना की महामारी ने शहरों और कस्बों के साथ गांवों में भी दस्तक दे दी है। बहरहाल,इन पंक्तियों के लिखे जाने तक उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में 26,847 कोरोना के नए केस दर्ज किये गये, जबकि प्रदेश में कोविड के कुल एक्टिव मामले अब 2,45,736 हो गये। यूपी में पिछले 24 घंटों में 2,23,155 कोरोना टेस्ट हुए हैं। टेस्ट की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। गांवों में टेस्ट कराने के निर्देश दिये गये हैं । पिछले एक सप्ताह में सक्रिय मामलों में लगभग 60 हजार की कमी आई है। ये जानकारी अपर मुख्य सचिव ( एसीएस ) सूचना नवनीत सहगल ने दी है। हालांकि सरकार ने 24 घंटे के अंदर कितने संक्रमितों की मौत हुई, इसके आंकड़े जारी नहीं किये हैं। एसीएस नवनीत सहगल ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में घर-घर टीमें जा रही हैं। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए ग्रामीण इलाकों में टीमें मुस्तैद हैं और जांच टीमें 48 लाख 63 हजार 298 आवासों का भ्रमण कर चुकी हैं । इस दौरान 68 109 लोगों में कोरोना के मामूली लक्षण पाए गए हैं। सरकार की तरफ से सभी को दवाएं मुहैया करा दी गई हैं। जांच में 1210 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तो कोरोना की भयावह स्थिति बतायी जा रही है हमारी कालोनी में ही साथी वरिष्ठ पत्रकार मधुसूदन त्रिपाठी का एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। पहलेसवे एक निजी अस्पताल में भर्ती थे, तब उनके परिजनों ने देखभाल ठीक से न होने की शिकायत भी की थी। शिकायत किससे की जाए, यह उतना महत्वपूर्ण नहीं रह जाता , जितना महत्वपूर्ण अपने मरीज के निकट उपस्थित रहना। कोविड वार्ड में तो कोई जा नहीं पाता। इसलिए अस्पताल के बाहर ही परिजन छटपटाते रहते हैं। कोविड के सेन्टर से मरीज के बारे में जानकारी प्राप्त करने की व्यवस्था की गयी है लेकिन इसमें भी तीमारदार संतुष्ट नहीं हो पाते। इस बीच कोरोना संक्रमण में सुविधा मुहैया कराने के नाम पर मनमाने ढंग से लूट की भी खबरें सामने आ रही है। अब किसी एंबुलेंस संचालक ने निर्धारित दरों से अधिक शुल्क लिया तो पुलिस को कार्रवाई का अधिकार होगा।जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु, उनके आवास से अथवा चिकित्सारत हॉस्पिटल से रेफरल कोविड-19 अस्पताल तक मरीजों को ले जाने पर चालक और वाहन स्वामियों द्वारा मनमाने तरीके से पैसे वसूलने की शिकायत आ रही थीं, जिसके चलते डीएम लखनऊ ने एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 एवं उत्तर प्रदेश महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लखनऊ में कोविड-19 मरीज को अस्पताल ले जाने वाले एंबुलेंसों के लिए किराया निर्धारित कर दिया है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि इन एंबुलेंसों को श्रेणीवार एंबुलेंस में विभाजित करके रुपए तय कर दिए हैं, जिसमें जो एंबुलेंस ऑक्सीजन रहित है, वह 10 किलोमीटर तक 1 हजार रुपए लेंगे, अगर 10 किलोमीटर से ज्यादा जाते हैं तो प्रति किलोमीटर 100 रुपए बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जो ज्यादा शुल्क वसूलेगा उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में ऑक्सीजन के साथ एम्बुलेंस 1500 रुपए 10 किलोमीटर तक, उसके बाद 100 रुपए प्रति किलोमीटर।वेंटीलेटर सपोर्ट एम्बुलेंस 2500 रुपए 10 किलोमीटर की दूरी तक, उसके बाद 200 रुपए प्रति किलोमीटर। सरकारी एम्बुलेंस मुफ्त हैं। उनके लिए कोई शुल्क नहीं है। इसके बाद भी लोगों को शिकायते हैं और जायज शिकायतें हैं तो तय है कि व्यवस्था को कार्य रूप देने वाले अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। मुरादाबाद में गांव भ्रमण के दौरान इसका आभास मुख्य मंत्री को जरूर हुआ होगा। (हिफी)दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

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