मोरे साजन
जीवन था मेरा बे- आधार
मिल गई मुझे नई राह
आ गई जीवन में खुशियां
मोरे साजन जब से तू जीवन में आया,
जुड़ गए तू जब नेहा के तार।
आने की आहट तेरी
संगीत भर देती है जीवन में
सांसो की गर्माहट तेरी
रस घोल देती है कानों में
जब से तुझ संग नहीं जुड़े हैं साजन
जीवन मेरी खिल गई बगिया सी।
रंग बिरंगे फूल खिले हैं
दिल मदमस्त हो रहा
भंवरे सी में डोल रही
जब से तुझ संग में जुड़े हैं सजन।
धन्यवाद
अंशु तिवारी पटना
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