रा.स्व.संघ के अ. भा. प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरू में संपन्न

रा.स्व.संघ के अ. भा. प्रतिनिधि सभा की बैठक बेंगलुरू में संपन्न

पटना, 23 मार्च। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 20 मार्च, 2021 को बेंगलुरु में सम्पन्न हुई। दो दिवसीय बैठक में यह चर्चा हुई कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण संघ की दैनिक गतिविधि भी प्रभावित हुई है। अब लॉकडाउन के बाद संघ की शाखाएं लगनी शुरू हो गई है। विश्वास है कि शीघ्र ही पुराने कार्यवृत को पार कर आगे बढ़ जाएंगे। बैठक में कुटुम्ब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण और भूमि सुपोषण पर विशेष ध्यान दिया गया। बैठक में राष्ट्रीय महत्व के 2 प्रस्ताव पारित हुए। संघ का यह चुनाव वर्ष है। इस बार के प्रतिनिधि सभा में मा. दत्तात्रेय होसबाळे जी को सरकार्यवाह के तौर पर निर्वाचित किया गया। दत्ता जी का केंद्र पटना भी रहा है। इसके अलावा उत्तर पूर्व क्षेत्र( बिहार- झारखंड) के क्षेत्र प्रचारक मा. रामदत्त चक्रधर जी को संघ के सह सरकार्यवाह की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। अब इस क्षेत्र (बिहार-झारखंड) के क्षेत्र प्रचारक मा. रामनवमी प्रसाद जी और सह क्षेत्र प्रचारक के तौर पर कार्य करेंगे।

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दो प्रस्ताव पारित हुए। पहला प्रस्ताव श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हेतु संपन्न व्यापक जनसंपर्क अभियान को लेकर था। प्रतिनिधि सभा का मानना था कि श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण भारत की अन्तर्निहित शक्ति का प्रकटीकरण है। अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर किया जाने वाला अनुष्ठान व निधि समर्पण अभियान जैसे कार्यक्रमों से भारत की अन्तर्निहित शक्तियां जागृत हुई हैं। ये कार्यक्रम आध्यात्मिक जागरण, राष्ट्रीय एकात्मकता, सामाजिक समरसता तथा सद्भाव एंव समर्पण के अद्वितीय प्रतीक बन गये हैं। भव्य मंदिर निर्माण के माध्यम से वैभव संपन्न व सामथ्र्यशाली भारत का मार्ग प्रशस्त होगा जो विश्व कल्याण की अपनी भूमिका का निर्वाह करेगा।

प्रतिनिधि सभा के दूसरे प्रस्ताव में कोविड महामारी के सम्मुख भारत की शक्ति को रेखांकित किया गया। प्रस्ताव में बताया गया कि कोविड महामारी के सम्मुख एकजुट भारत खड़ा दिखा। भारतीय समाज के उल्लेखनीय, समन्वित एवं समग्र प्रयासों को संज्ञान में लेते हुए एवं इसके भीषण परिणामों के नियंत्रण में समाज के प्रत्येक वर्ग द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए संघ ने हार्दिक अभिनंदन किया। प्रतिनिधि सभा ने पूर्ण विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय समाज सतत् दृढ़ता एवं निश्चय के साथ इस महामारी के दुष्प्रभाव से मुक्त होकर शीघ्र ही सामान्य जीवन को प्राप्त करेगा।

प्रतिनिधि सभा में सुदृढ़ परिवार व्यवस्था, संतुलित उपभोग व पर्यावरण संरक्षण को व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में अपनाते हुए आत्मनिर्भरता एवं स्वदेशी के मंत्र को जीवन में उतारने का आह्वान भी किया गया। परिवार में छोटे-छोटे कार्यक्रम कर संस्कारक्षण वातावरण बनाने का संकल्प लेने की आवश्यकता बतायी गयी। भूमि की उर्वरकता को बरकरार रखते हुए उपज को बढ़ाने के नये उपाय सोचने पर भी बल दिया गया। भारतीय चिंतन में भूमि को माता माना गया है। भूमि के सुपोषण के लिए आवश्यक है कि जैविक खाद का अधिकाधिक प्रयोग किया जाये, वृक्षारोपण पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाये एवं जल संरक्षण के लिए सबकोई मिल जुलकर सतत प्रयास करे। इस वर्ष प्रतिपदा (13 अप्रैल, 2021) से गुरु पूर्णिमा (24 जुलाई, 2021) तक पर्यावरण एवं भूमि संरक्षण विषय को बल देने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जायेगा। देश भर में ‘माता भूमि पुत्रोऽहम् पृथिव्याः’ का भाव लेकर भूमि वंदन का कार्यक्रम किया जायेगा। इस कार्यक्रम के द्वारा संपूर्ण देश में पर्यावरण संरक्षण एवं भूमि सुपोषण के लिए जागरूकता का अभियान चलाया जायेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शाखाओं के बारे में डाॅ. मोहन सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि पूरे देश में 34 हजार 969 स्थानों पर 55 हजार 652 शाखाएं लग रही हैं। साथ ही 18 हजार मिलन और 7 हजार 655 मंडली है। वहीं बिहार में 995 स्थानों पर 1 हजार 462 शाखाएं लग रही हैं। इसके अलावा 622 स्थानों पर संघ मिलन एवं 122 स्थानों पर संघ मंडली लगती है। बिहार में संघ के द्वारा 133 सेवा कार्य चल रहे हैं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के तहत बिहार में विस्तृत कार्य हुआ। बिहार में लगभग 45 हजार गांव हैं जिसमें 34 हजार 259 गांव में संपर्क किया गया। इस अभियान में कुल 57 हजार 634 कार्यकर्ताओं ने 57 लाख 17 हजार 843 परिवारों में संपर्क किया।
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