होली

होली 

नये साल के स्वागत का 
बस शुरूआत है होली, 
कि अंतर्मन खुशियों से 
भरी उल्लास है होली  ।

चरणों में चढाते है गुलाल 
आराध्य देवों को, 
फिर एक दूजे में खो जाते 
गुलाल की होली  ।

न जाने कब से चलती आ
 रही त्योहार ये होली, 
सनातन धर्म संस्कृति की है 
पहचान ये होली  ।

प्रकृति ने भी छेडा है 
बसंती राग ये होली, 
विरासत में मिली है 
पूर्वजों से आज ये होली। 

चलो खुशियां मनाये और 
मिलके फाग गाऐ हम,
बडे सौभाग्य से हमको 
मिली सौहार्द की होली  ।

उषा श्रीवास्तव ' किरण '
मुजफ्फरपुर, बिहार  ।
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