नोटा से भयभीत हो रहें है राजनीतिक दल अवधेश कुमार ।

नोटा  से भयभीत हो रहें है राजनीतिक दल अवधेश कुमार ।

राष्ट्रीय आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक पंडित श्री अवधेश कुमार मिश्र ने मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा लिए गए सवर्ण आयोग के गठन के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह नोटा के प्रति सवर्ण समाज को जागरूक करने के लिए जो मिशन मोर्चा ने चलाया था  उसका प्रतिफल है कि प्रदेश के संम्मानीय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश में सवर्ण आयोग का गठन करने का  ऐलान किया है ।
मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय  आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा किसी जाति धर्म  अथवा राजनीतिक दल का विरोध नहीं करता है बल्कि  संवैधानिक ब्यवस्था के खामियों का विरोध करता है 
मोर्चा का स्पष्ट मानना है कि  देश एक है तो देश के प्रत्येक नागरिक के लिए संविधान भी  एक होना चाहिए न कि जाति धर्म के आधार पर सुविधाएँ देनी चाहिए  
पंडित अवधेश कुमार मिश्र ने कहा कि देश वर्षों तक गुलामी के जंजीरों में जकड़ा रहा जिसके कारण हर जाति धर्म को काफी नुकसान हुआ है आज  सामान्य वर्ग के भीतर भी  बड़ी संख्या  ऐसी है जो दो वक्त की रोटी की ब्यवस्था करने में असमर्थ है मगर फिर भी  किसी तरह से यदि  अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर  काबिल बनाया जाता है तो आरक्षण के बदौलत  यह  आगे नहीं बढ़ पाते हैं अतः जरूरत है कि  हम संविधान में  बदलाव करें और आरक्षण की जगह संरक्षण की ब्यवस्था को शुरू करें विसंगति पूर्ण आरक्षण ब्यवस्था से  कभी किसी का भला नहीं हो सकता है  इससे सिर्फ कुछ चंद  लोगों को ही पीढ़ी दर पीढ़ी लाभ हो सकता है 

मिश्रा ने कहा कि सरकार  एक भी  ऐसा परिवार बता दे जो आरक्षण की ब्यवस्था लेकर  यह सार्वजनिक रूप से घोषणा किया हो कि वह अब  आर्थिक रूप से सामाजिक रूप से संपन्न हो गया है अतः उसका परिवार  अब  आरक्षण का लाभ नहीं लेगा बल्कि  जो समाज का बंचित पिछड़ा कमजोर ब्यक्ति है  उसे इस ब्यवस्था को दिलाने का प्रयास करेगा  मुझे लगता है कि सरकार के पास एक भी  ऐसे ब्यक्ति की जानकारी नहीं होगी फिर ऐसी अवस्था में बेहतर है कि सरकार इस मर्ज का स्थाई इलाज करे जो सिर्फ  संरक्षण की ब्यवस्था से ही संभव है पंडित श्री मिश्रा ने एस, सी, एस, टी, एक्ट पर कड़ी  नाराजगी जताते हुए कहा कि यह बेहद ही चिंता जनक है कि पक्ष विपक्ष ने मिल करके माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को अध्यादेश लाकर बदलने का  कार्य किया जिसका सीधा अर्थ  है कि राजनीतिक दल  समानता लाने के पक्षधर नहीं है बल्कि जातिवाद का जहर बोकर  इसे सत्ता तक पहुँचने के लिए एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं 

राष्ट्रीय आरक्षण विरोधी संयुक्त मोर्चा ने मध्यप्रदेश  आरक्षण विरोधी आंदोलन के प्रभारी  पंडित रावेन्द्र तिवारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि श्री तिवारी के अथक प्रयास से ही  आज प्रदेश सरकार ने सवर्ण आयोग का गठन करने का निर्णय लिया है जिसके लिए मोर्चा संम्मानीय मुख्यमंत्री को ह्रदय से साधुबाद देता है दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

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