हमें भगवान मिला है
सबसे बड़ा ईश का
वरदान मिला है
मॉ बापकी छवि में
हमें भगवान मिलाहै
ढूॅढा है बहुत पर न मुझे
है मिला मानव
ईसाई मिला हिन्दू
मुसलमान मिला है
सब एकता के सूत्र में
आपस में बॅध गये
भारत में अनोखा ये
अनुष्ठान मिला है
आई जो नई लेखनी
साहित्य पटल पर
हिन्दी ग़ज़ल को भी तो
सम्मान मिला है
ऐंठे न भला आज ये
'जयराम' बता क्यों
जब उसको ग़जल
छपने का सज्ञान मिला है
*
~जयराम जय,कानपुर
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