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पीएमसीएच से चोरी हुए एक साल के प्रिंस को बेचा जा रहा था दिल्ली में, दो महीने बाद पटना पुलिस ने ढूंढ़कर मां-बाप को सौंपा तो रो पड़े सारे

पीएमसीएच से चोरी हुए एक साल के प्रिंस को पटना पुलिस ने बरामद कर लिया है। चोरी के दो महीने बाद प्रिंस की बरामदगी दिल्ली से हुई। रविवार की सुबह पटना पुलिस की एक टीम प्रिंस को बरामद कर पटना पहुंची है। सीनियर एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।

पीएमसीएच से बच्चे की चोरी कर फरार होने वाली महिला समेत 5 लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। महिला और उसके साथियों ने प्रिंस को बेचने की एक बड़ी डील कर ली थी। दूसरे के हाथ बेचने के लिए मोटी रकम की भी डिमांड लगभग पूरी भी हो चुकी थी।

पिछले दो महीने से पुलिस की एक टीम लगातार इस मामले की जांच कर रही थी। बच्चा चोर महिला तक पहुंचने के लिए पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से उसकी फोटो निकालकर जारी की थी। कई लोगों से मिले इनपुट के बाद शातिर महिला तक पुलिस पहुंच पाई।

एक के बाद एक कनेक्शन जुड़ते गए और फिर मामला सीधे दिल्ली से जुड़ गया। सिटी एसपी सेंट्रल विनय तिवारी की मॉनिटरिंग में पीरबहोर थाना की एक टीम पटना से दिल्ली गई। इसके बाद ही वहां से प्रिंस को सही सलामत बरामद कर पाई।

बच्चा चोरी की पूरी कहानी

पटना सिटी एसपी ईस्ट विनय तिवारी ने इस बच्चा चोरी की पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह मामला सामने आने के बाद इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया तो एक महिला बच्चा उठाते दिखी। यह पटना के ही गर्दनीबाग की रहने वाली है। इसे परसा बाजार से गिरफ्तार किया गया। महिला से पूछताछ में पता चला कि इस घटना में चार और लोग शामिल हैं। एक-एक कर उन्हें भी अरेस्ट किया गया। इनसे विस्तृत पूछताछ में बच्चे को दिल्ली में एक लाख रुपये में बेचे जाने की जानकारी मिली। पटना पुलिस ने इसके बाद दिल्ली पुलिस से संपर्क कर विशेष टीम बनायी, जिसने दिल्ली से ही इस बच्चे को बरामद किया।

तिवारी के अनुसार बच्चे को पैसे के लिए बेचा गया था। इसे खरीदने वाले भी आपराधिक प्रकृति के हैं। वे पहले भी जेल जा चुके हैं। उन्होंने इसमें ह्यूमन ट्रैफिकिंग का एंगल होने से इन्कार किया।

बच्चा चोर महिला की कहानी भी सुनिए

पकड़ी गयी महिला मीडिया के सामने आयी तो रोने लगी। रोते हुए ही उसने अपना नाम ममता बताया। उसके साथ भी एक बच्चा था। यह पूछे जाने पर कि दूसरे का बच्चा चुराते वक्त अपने बच्चे का ख़याल नहीं आया, उसने कहा कि मेरी मति मारी गयी थी। मुझे अपने बच्चे के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए सिंटू के कहने पर यह काम किया।

शातिर महिला ने 24 अगस्त को प्रिंस को ले भागी थी, जब वह अपने पिता धर्मेंद्र चौपाल की नानी के साथ इमरजेंसी के पीछे स्थित मंदिर के चबूतरे पर खेल रहा था। उस वक्त उसकी मां मनीषा वहां पर मौजूद नहीं थी। धर्मेंद्र चौपाल और मनीषा मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले हैं। हार्ट का प्रॉब्लम होने पर धर्मेंद्र का इलाज चल रहा था। इसी के लिए पूरा परिवार समस्तीपुर से पटना आया हुआ था, लेकिन इलाज के दौरान ही एक साल के प्रिंस की चोरी हो गई थी।



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दिल्ली में प्रिंस को बेचने की डील लगभग पूरी हो चुकी थी लेकिन पटना पुलिस लगातार मामले की पड़ताल में जुटी थी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/one-year-prince-stolen-from-pmch-recovered-by-patna-police-from-delhi-127851116.html

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