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गीत-गजल और कविताओं का समागम

अल्प है शिक्षा मेरी, कविता कैसे लिखूं? /शब्दों का ज्ञान नहीं, मात्रा, बिंदु कैसे लिखें?/ बहुत कसक है मन में लिखने की!, / धरती पर रहकर आसमां कैसे लिखें.... किसने की देश की ऐसी हालत कौन जिम्मेदार है? /आजाद देश में आखिर कौन गुनहगार है?...”राइजिंग बिहार ( हिंदी सप्ताहिक) के तत्वाधान में ऑनलाइन प्लेटफार्म पर साहित्य विविध के अंतर्गत आयोजित काव्य पाठ में मध्य प्रदेश के नवोदित कवि महेश राठौर सोनू ने एक से बढ़कर एक कविता और नज्म सुनाई।

नवोदित कवि पर केंद्रित साहित्यिक डायरी पढ़ते हुए संयोजक, संचालक सिद्धेश्वर ने कहा कि शब्दों को जबरन ठंडे चूल्हे की आग में नहीं तपाया जा सकता। महेश राठौर की कविताओं में परिपक्वता का अभाव जरूर है लेकिन अपने भीतर के शब्दों को तपाने में लगे हुए हैं, जो एक सार्थक सृजन की ओर हमारा ध्यान खींचता है। दूसरे चरण में विविधा कार्यक्रम के तहत, हाजीपुर के अपूर्व कुमार ने नवरात्रि के आरंभ दिवस पर एक भजन गाया।



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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/song-ghazal-and-poetry-gathering-127831544.html

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