बंगाल बीजेपी नेता और स्थानीय पार्षद मनीष शुक्ला की हत्या के तार बेउर जेल से जुड़ रहे हैं। कोलकाता पुलिस की छानबीन में यह बात आई है कि मनीष की हत्या की पूरी साजिश कोलकाता में रची गई, लेकिन उसे अमलीजामा बेउर जेल में बैठे अपराधी ने पहनाया है। मामले में कुख्यात अंतरराज्यीय सोना लुटेरा सुबोध सिंह से पूछताछ करने बंगाल पुलिस मंगलवार को पटना आई थी।
बंगाल की पुलिस बेउर जेल गई, लेकिन जेल प्रशासन ने बंगाल पुलिस को सुबोध से पूछताछ करने नहीं दिया। बताया गया कि बंगाल पुलिस के पास केस से जुड़े सारे कागजात थे, लेकिन उनके पास कोर्ट ऑर्डर ही नहीं था। कोर्ट ऑर्डर नहीं रहने के कारण बंगाल पुलिस सुबोध से पूछताछ नहीं कर सकी और लौट गई। दो तीन दिनों में दाेबारा बंगाल पुलिस कोर्ट ऑर्डर के साथ आएगी।
संभव है वह सुबोध को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जा भी सकती है। जेल सुपरिटेंडेंट सत्येंद्र सिंह ने कहा कि बंगाल पुलिस सुबोध से पूछताछ करने आई थी। उनके पास कोर्ट का कोई कागजात नहीं था। हमने उन्हें कोर्ट ऑर्डर के साथ आने को कहा है।
दो की गिरफ्तारी और मुंगेर में बना पिस्टल मिलने के बाद गहराया था शक: बंगाल के 24 परगना जिले के टीटागढ़ में बीते चार अक्टूबर को बाइक सवार दो अपराधियों ने मनीष शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। छह अक्टूबर को कोलकाता पुलिस ने दो लोगों को मामले में गिरफ्तार किया था। साथ ही घटनास्थल से एक मुंगेरिया पिस्टल भी बरामद किया गया था।
मामले में गिरफ्तार मो. खुर्रम और गुलाब शेख की गिरफ्तारी के बाद यह साफ हो गया था कि मनीष की हत्या के लिए शूटर दूसरे राज्य से आए थे। वहीं मुंगेरिया पिस्टल को लेकर भी छानबीन शुरु हुई। पुलिस दोनों से कड़ाई से पूछताछ की तब सुबोध का नाम सामने आया।
मुंगेर से ही गए थे शूटर
सूत्रों की माने तो मनीष के साथ साथ दो और भाजपा नेता की हत्या की साजिश रची गई थी। बताया गया कि मनीष की हत्या के लिए कोलकाता के एक नेता ने बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह को डेढ़ करोड़ की सुपारी दी थी। इसके बाद सुबोध ने मुंगेर से अपने दो गुर्गों को भेजकर मनीष सिंह की हत्या करवा दी। हालांकि मामले में बिहार पुलिस के अधिकारी बयान देने से बच रहे हैं।
कौन है सुबोध सिंह
सुबोध सिंह मूलरूप से नालंदा का रहने वाला है। वह कुख्यात सोना लुटेरा है। वह महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों से 100 किलो से अधिक सोना अबतक लूट चुका है। सुबोध के गिरोह के निशाने पर मुख्यत: मल्लपुरम गोल्ड फाइनेंस, मुथूट फाइनेंस का सोना होता है। लगभग तीन साल पहले एसटीएफ ने उसे पटना के राजीवनगर से गिरफ्तार किया था। तब सुबोध के पास से 15 किलो सोना और 1.50 लाख रुपए बरामद हुए थे।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/wire-attached-to-beur-jail-police-arrived-to-investigate-without-court-order-permission-was-not-granted-127811757.html

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