Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

औसतन 35 हजार में जीते उम्मीदवार, पर 10 ऐसे जो 70 हजार वोट पाकर भी हारे, 4% अधिक वोटिंग हुई थी, 10 विस क्षेत्रों में रही कांटे की टक्कर

(कुमार अनिल) जिस तरह पार्टियों में गठजोड़ हो रहे हैं, टूट रहे हैं... उससे साफ है कि 2020 का चुनाव एकतरफा नहीं होगा। कई सीटें फोटो फिनिश वाली भी होंगी। ठीक वैसे ही जैसे 2015 के चुनाव में कई सीटों पर हुआ था। बिहार विधानसभा के पिछले दो चुनावों की तुलना करें तो 2015 का चुनाव बेहद कठिन था।

विधानसभा चुनाव में 70 हजार या उससे अधिक वोट जीत की जमानत होती है। लेकिन इतना वोट पाकर भी प्रत्याशी चुनाव हार गए। एक दो नहीं, भारी वोट पाने वाले पूरे 10 उम्मीदवार हार थे 2015 में। इसके ठीक उलट 2010 के चुनाव में तो 70 हजार से अधिक वोट जीत की गारंटी थी।
जिस-जिस को इतने वोट मिले, सभी चुनाव जीत गए। बीते चुनाव परिणाम ने यह भी साबित किया कि चुनाव जीतने के लिए 35 हजार या उससे अधिक वोट हासिल करना ही होगा। अपवाद दो ही प्रत्याशी थे, जो 35 हजार से कम वोट पाकर भी चुनाव जीते जबकि 2010 में 35 हजार या उससे कम वोट पाकर जीतने वाले 33 प्रत्याशी थे।

2015 में अधिक वोट पाकर भी हारने और 2010 में कम वोट पाकर भी जीतने की एक बड़ी वजह मतदान का प्रतिशत भी है। पिछले चुनाव में चार प्रतिशत अधिक मतदान हुआ था। अधिक मतदान सक्रिय राजनीतिक गोलबंदी को ही दर्शाता है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
On average, the candidates who won in 35 thousand, but 10 such who lost even after getting 70 thousand votes, 4% more voting was done, there was a competition in 10 constituencies.


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/on-average-the-candidates-who-won-in-35-thousand-but-10-such-who-lost-even-after-getting-70-thousand-votes-4-more-voting-was-done-there-was-a-competition-in-10-constituencies-127776046.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ