बाल गृह से पिछले साढ़े तीन साल में 22 बच्चे और किशोर फरार हुए हैं। इसमें पुलिस और विभाग ने मिलकर 10 को खोजा है, लेकिन बाकी बच्चे और किशोरों का पता नहीं है। बाल गृह के फरार हुए बच्चे और किशोरों को खोजने के लिए एसएसपी आशीष भारती ने एक विशेष अनुसंधान दल का गठन किया था। इस टीम के नेतृत्वकर्ता सिटी एसपी को बनाया गया था।
उनके साथ सिटी डीएसपी, लॉ एंड ऑर्डर इंस्पेक्टर, जीरोमाइल थानेदार, बाल गृह से जुड़े केस के अनुसंधानकर्ता आदि को शामिल किया गया था। चार केस में अब तक 10 बच्चों का सुराग नहीं मिल पाया है। ये सभी बच्चे बाल गृह से फरार हुए थे।
बच्चे और किशोरों के भागे जाने की घटनाएं बढ़ी तो बाल गृह में सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया, लेकिन फिर भी घटनाएं रुकी नहीं। बाल गृह को रेशमनगर से किसी दूसरे स्थान पर भी शिफ्ट करना था, लेकिन वह भी नहीं हो पाया है।
शातिराना तरीके से भागे हैं बच्चे-किशोर
बाल गृह से बच्चे और किशोरों के भागे जाने की कहानी काफी रोचक है। वेंटीलेटर का छ़ड़ उखाड़ कर, दरवाजे का ग्रिल काटकर, दीवार फांद कर आदि तरीके से 22 बच्चे फरार हुए हैं। सबसे अधिक बच्चे 2017 और 2018 में भागे हैं। इन वर्षों में बाल गृह का संचालन एनजीओ के जिम्मे था। लेकिन 2018 के बाद विभाग खुद बालगृह का संचालन कर रहा है। तब से बच्चे के भागने की घटनाएं कम हुई है। 2019 में तो एक भी घटनाएं नहीं हुई थी।
बालगृह से जुड़े केस की सीबीआई कर रही है जांच
सितंबर 2017 में जब टिस ने बाल गृह का सोशल ऑडिट किया तो कई खामियां उजागर हुई थी। इसके बाद मामले में आठ माह बाद बाल गृह का संचालन करने वाली संस्था के पद धारकों पर केस दर्ज कराया गया था। इस मामले में पुलिस ने बाल गृह के पूर्व अधीक्षक को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
source https://www.bhaskar.com/local/bihar/bhagalpur/news/police-found-only-10-of-the-22-teenagers-who-escaped-from-the-home-in-three-and-a-half-years-even-the-special-team-could-not-find-out-127797763.html

0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com