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कोरोना संकट के बीच विपरीत परिस्थितियों में जीत की कहानी, अपनी प्रतिभा को पहचानें, उसे निखारने पर मेहनत करें -आनंद कुमार

अभी कुछ ही दिनों पहले एक अभिभावक का ईमेल आया। इसमें उनकी निराशा झलक रही थी। पिछले इम्तिहान में बच्चे का मार्क्स ठीक नहीं था। उनकी उम्मीदें जवाब दे रहीं थीं। उनका मानना था कि परीक्षा में अच्छे नंबर नहीं आए हैं। बच्चे का भविष्य अंधकारमय हो गया है। अब कुछ भी नहीं हो सकता है। मैं अपनी समझ और अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि बच्चे में अभी भी असीम संभावनाएं हैं। वह न सिर्फ अपनी जिंदगी में बहुत कुछ कर सकता है बल्कि दुनिया के सामने एक मिसाल भी कायम कर सकता है।

सच्चाई तो यह है कि नंबर सिर्फ एक आंकड़े से ज्यादा कुछ भी नहीं हैं। दुनिया के किसी भी नंबर में वह ताकत नहीं जो किसी बच्चे के हुनर और उसकी काबलियत की सही-सही गवाही दे सके। बच्चे को मिले मार्क्स के आधार पर उनके वजूद को आंकने की भूल माता-पिता को नहीं करनी चाहिए। ऐसा करके आप अपने बच्चे में निहित संभावनाओं को दफन कर रहे हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की परीक्षा का परिणाम कैसा आता था। या फिर प्रेमचंद ने कितनी और कौन-कौन सी परीक्षाएं पास की थीं।

मैं तमाम बच्चों से भी यही कहूंगा कि अपने-आप से बात-चीत करें और अपने भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानने का प्रयास करें। उसे ही अपनी ताकत बनाएं और फिर से लग जाएं उसे निखारने में। नए जोश के साथ नई उमंग के साथ। कम या ज्यादा के हिसाब-किताब से दूर एक नई और अनूठी दुनिया आपका इंतजार कर रही है। उनसे नजरें मिलाओ, सच का सामना करो और तब तक संघर्ष करते रहो जब तक आखिरी जीत ना मिल जाए। तुम सफलता के शिखर पर नहीं पहुंच जाओ। इन तमाम बातों के बावजूद आखिर क्यों स्टूडेंट्स और उनके माता-पिता अंकों के पीछे भागते हैं? दरअसल सभी यही समझते हैं कि परीक्षा में अगर अच्छे मार्क्स आएंगे तब बड़े कॉलेज में दाखिला मिलेगा। फिर क्या। जिंदगी तो संवर ही जाएगी। लेकिन, ऐसी बात नहीं है। मैं अपनी जिंदगी के अनुभवों के आधार पर इतना तो जरूर कह सकता हूं कि एक बड़े साधारण से कॉलेज से भी पढ़ाई करके शिखर तक की यात्रा की जा सकती है।

अपनी जिंदगी में अब तक मैंने ऐसे सैकड़ों उदहारण देखे हैं कि कैसे एक स्टूडेंट मामूली से कॉलेज में पढ़ते हुए उन ऊंचाइयों तक पहुंचा है। जरूर कॉलेज महत्वपूर्ण है लेकिन, उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप कितनी मेहनत करते हैं। आप कितने फोकस्ड हैं। आप अपने कॅरियर के प्रति कितने गंभीर हैं। आप कितने समर्पण भाव के साथ पढ़ाई में लगे हैं। आपमें कितनी प्यास है कुछ नया करने की। कुछ बड़ा करने की।
मुझे यकीन है, और पूरा यकीन है कि आप अपने रिजल्ट में मिले अंकों से अपना मूल्यांकन न करते हुए पूरे उत्साह के साथ आगे की जिंदगी को खूबसूरत बनाने में जुट जाएंगे। और अगर आप ऐसा करते हैं तब एक दिन आप जरूर न सिर्फ भविष्य में सफल होगें बल्कि दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनेगें।



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Story of victory in adversity amid Corona crisis, recognize your talent, work hard to refine it - Anand Kumar


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/story-of-victory-in-adversity-amid-corona-crisis-recognize-your-talent-work-hard-to-refine-it-anand-kumar-127618983.html

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