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कोरोना से हो गई थी शख्स की मौत; परिजन शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे तो लोगों ने रोका, चिता की लकड़ियां भी फेंकी

कोरोना को लेकर मन में बैठी गलतफहमीके चलतेसंक्रमितशवों के अपमान का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब बिहार के दरभंगा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां कोरोना पॉजिटिव की शव का घंटो तक अपमान होता रहा। मृतक के परिजनों ने अंतिम संस्कार की सारी व्यवस्था कर ली थी, लेकिन स्थानीय लोग लाठी- डंडे लेकर अंतिम संस्कार न करने को लेकर अड़े रहे। मौके पर पहुंचीपुलिस की समझाइश के बाद भी लोग राजी नहीं हुए।उन्होंने गुस्से में चिता पर रखी लकड़ियों को भी फेंक दिया। इसके बाद लाश को कहीं ओर जलाने का फैसला लिया।

दरभंगा जिले में कोरोना से 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके चलते स्थानीय लोग दहशत में हैं। बुधवार रात को पटना से एक कोरोना संक्रमित शव के साथ आए अनिल कुमार ने बताया कि उन्होंने पटना में गंगा किनारे अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया था। लेकिन वहां प्रशासन ने बाहरी जिलो से आए शवों को जलाने पर रोक लगा रखी है। इसके बाद वह दरभंगा चले गए। यहां एकमी घाट पर देर रात 11 बजेवह शव को लेकर पहुंचे। लेकिन स्थानीय लोगों को जैसे ही इसकी खबर मिली तो वह लाठी डंडे के साथ वहां पहुंच गए और शव के अंतिम संस्कारकरने का विरोध करने लगे।सूचना मिलने के बाद जिले कीपुलिस और कई पदाधिकारी पहुंचे। उन्होंने स्थानीय लोगोंको समझाया कि शव जलाने से कोरोना संक्रमण नहीं फैलता है, लेकिन वह अपनी बात पर ही अड़े रहे, और आक्रोश के चलते चिता पर रखी लकड़ियों को फेंक दिया।इसके बाद पुलिस ने किसी अन्य जगह अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया।मृतक के परिजनों को मुक्तिधाम के पास शव को जलाने के लिए तैयार किया गया। इसके बाद सुबह 3 बजे शव का अंतिम संस्कार किया।

कोरोना पाॅजिटिव मृतक के शव को पूरी सुरक्षा के साथ ले जाते लोग।

शव के पैक हाेने के बाद दाह-संस्कार से कोरोना का खतरा नहीं : डॉ. मनीष
डॉ. मनीष कुमार ने कहा कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक प्रॉपर प्रोटोकॉल के साथ अगर लाश को डिस्पोजल किया जाए तो कोरोना संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि शव को विशेष रूप से सेनेटाइज कर उसकी पैकिंग की जाती है और फिर सेनेटाइज किया जाता है।

मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन नियम बनाए : नवीन सिन्हा

लाशों को जलाने में सहयोग कर रहे समाजसेवी नवीन सिन्हा ने कहा कि यह पूरी तरह से इंसानियत के खिलाफ है। इससे पहलेभी तीन शवों कोजलाने और दफनाने का लोगों ने विरोध किया। इसके लिए प्रशासन को नियम बनाना चाहिए। मरीज और लाश के साथ अपमान कभी नहीं होना चाहिए।

शव का अंतिम संस्कार नहीं होने देना गंभीर अपराध है। इस अनैतिक और अमानवीय कार्यों में शामिल लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सदर एसडीओ राकेश कुमार गुप्ता को ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि कोरोना पॉजिटिव मरीज के शव का अंतिम संस्कार से कोरोना नहीं फैल सकता। अगर आप सहयोग नहीं करते हैं।
डॉ. त्यागराजन एसएम, जिला पदाधिकारी



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दाह-संस्कार के लिए यहीं पर चिता बिछाई गई थी, जिसकी लकड़ियां लोगों ने फेंक दी।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/muzaffarpur/darbhanga/news/throwing-wood-of-pyre-laid-for-the-dead-person-from-kareena-threw-it-cremated-127470857.html

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