हिन्दू
धर्म पर वहावियो का हमला |
लेखक
नीरज कुमार पाठक

इंडोनेशिया
के बाद अब भारत की बारी है |
इंडोनेशिया
में 15वीं शताब्दी में अरब और भारत से इस्लाम के कदम पड़े थे| शुरू में जावा , सुमात्रा
और वाली दीप पर इनका आना हुआ था | 16 वीं
शताब्दी तक इंडोनेशिया में ज्यादातर आबादी हिंदुओं की थी | राजा भी हिंदू हुआ करते
थे , लेकिन बाद के 100 सालों में इंडोनेशिया की आबादी का स्वरूप बिल्कुल बदल गया
इस काल में बड़ी संख्या में लोगों ने हिंदू देवी देवताओं की पूजा तो जारी रखी लेकिन अपने धर्म को बदलकर हिंदू से इस्लाम अपना
लिया | आज जो काम राम कथा के नाम भारत में हो रहा है वहीं कभी इंडोनेशिया में भी
हुआ करता था | इंडोनेशिया में रामलीला के नाम पर इसी प्रकार का कार्य किया गया था
| जिसमें अरब देशों के कारोबारियों का पैसा लगाया गया था |उन्होंने रामलीला के
जरिए इस्लाम का प्रचार शुरू किया रामलीला के मंचन के दौरान राम की कथा के बीच
इस्लाम की महिमा के बारे में बताया जाने लगा रामलीला तो होती रही लेकिन हिंदू धर्म
का देखते ही देखते सफाया हो गया आज भी इंडोनेशिया में ऐसे रामलीला का मंचन होता है
जिसमें सऊदी अरब की बहावी संस्थाओं से फंड लगाया जाता है| आज बहुत ही प्लानिंग
तरीके से इसी मॉडल को भारत में भी लागू किया जा रहा है जिसके यही अली मौला गाने
वाले कथा वाचक मोहरा बन रहे हैं | शायद आपको जानकारी नहीं हो , मैं बता देना चाहता
हूं कि इंडोनेशिया में कई रामलीला मंडल ऐसे भी है जो अभी तक इस्लामी संक्रमण से
खुद को दूर रखने में सफल हो पाए हैं और अपने को दूर रखे हुए हैं | इन वहावियो ने
इंडोनेशिया का पूरा भूगोल बदल दिया आज इंडोनेशिया सरकारी तौर पर बहु धार्मिक देश
बन चुका है यहां कुल मिलाकर 6 धर्मों के मानने वाले लोग रहते है | जिसमे बड़ी
संख्या में रहते इस्लाम के लोग जो 87 परसेंट है , कैथोलिक ईसाई सात पर्सेंट है
प्रोटेस्टेंट ईसाई दो पर्सेंट है और जहां कभी हिंदुओं की बहुलता थी आज हिंदू मात्र
1.7 परसेंट पर सिमट गया और बौद्ध जीरो पॉइंट 7 परसेंट और कन्फ्यूशियस 0.05% पर
सिमटा हुआ है | परन्तु आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि बहुसंख्यक होने के बावजूद
मुसलमानों ने अभी तक बाकी धर्म के लोगों को कैसे जीने दिया है जो कि कहीं भी उनकी
आबादी जैसे ३०% से ऊपर होती है तो दूसरे धर्म के लोगों का जीना हराम कर देते हैं
लेकिन यहाँ के लोगों ने भले ही इस्लाम को स्वीकार कर लिया लेकिन आज भी उनकी आस्था
हिंदू देवी-देवताओं के और हिंदू त्योहारों के ऊपर बनी रहती है जो अभी तक खत्म नहीं
हुई है | लेकिन यह अब तेजी से बदलती जा
रही है जो मुसलमान आज भी हिंदू आस्था से जुड़े हुए हैं उन्हें बहावी धर्म के लोग बाहरी कट्टरपंथी इस्लाम के तरफ
मोड़ने पर आमादा हो गए हैं उन्हें कट्टरपंथ की ओर मोड़ा जा रहा है आज यहां बाली एक
मात्र ऐसा दीप है जिसमें हिंदू आबादी कुछ ठीक-ठाक है नहीं तो पूरे इंडोनेशिया से
सभी धर्मों को समाप्त कर इस्लाम को लाया गया है | यह मॉडल सभी देशों में लागू किया
जा रहा है भारत में भी इसी प्रकार से मुसलमानों का वर्चस्व कायम करने की चेष्टा की
जा रही है| ठीक यही प्रयोग आजकल मॉरीशस में चल रहा है अभी
मॉरीशस में भी रामलीला मंडलियों और कई कथावाचको को बहाबीयो ने इतना पैसा दे दिया
है कि वह रामलीला मंचन के दौरान या फिर अपनी कथाओं के दौरान बीच-बीच में इस्लाम का
प्रचार करने लगते हैं इसलिए हमारा सभी सनातनियो से अनुरोध है इस प्रकार के कालनेमि
राक्षसों से सावधान रहें , यह सारे धूर्त
पैसे के भूखे हैं जो भारत में हिंदू धर्म को बर्बाद करने का ठेका ले रखें है ।दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
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