किसानों के लिए धान की खेती करने का समय बीतता जा रहा है लेकिन सरकार की ओर से अनुदानित दर पर मिलने वाला बीज अब तक प्रखंड क्षेत्रों में किसानों को नहीं मिलने से उन्हें बाजारों से ऊंची कीमत पर बीज खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। किसान इस प्रतीक्षा में थे जो अनुदानित दर पर बीज सरकार की ओर से मिल जाएगा तो बहुत फायदा होता, लेकिन वह अब नहीं मिलता देख किसानाें ने बाजार से ही बीज खरीद कर अपने खेत की बुआई करना शुरू कर दिया है।
3 दिन पूर्व घाटकुसुम्भा प्रखंड के कृषि कार्यालय में 1020 किलो बीज तो आया लेकिन वह यहां के 5 पंचायतों के किसानों के अनुपात में ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन वाली कहावत चरितार्थ होने वाला प्रतीत हो रहा है। वह भी कुछ किसानों को अगर मिल जाता तो वह अपने खेत की बुआई कर लेते लेकिन वितरण व्यवस्था में इतनी जटिल प्रक्रिया अपनाई गई है जिसके कारण बीज होने के बाद भी प्रखंड कृषि पदाधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे हैं और यहां से किसान मायूस होकर प्रतिदिन लौटने के लिए विवश हैं।
किसानों से पहले बीज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को कहा गया था जिसके लिए काफी संख्या में किसानों ने ऑनलाइन आवेदन तो किया जिसमें भी उन्हें साइबर कैफे में शुल्क भुगतान कर आवेदन करना पड़ा और जब बीज देने की बारी आई तो उन्हें जिला से ओटीपी नंबर मिलने के बाद ही बीज देने की बात यहां बताई जा रही है। जिससे किसान निराश होकर लौट रहे हैं। इस संबंध में जब यहां के प्रखंड कृषि समन्वयक सुनील कुमार से पूछा तो उन्होंने बताया कि जिला कृषि विभाग से सभी ऑनलाइन आवेदन किए गए किसानों को ओटीपी नंबर मिलने के बाद जिस मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा उसे लेकर आना होगा उसके बाद ही यहां से बीज दी जाएगी।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/bihar-sharif/news/farmers-are-unable-to-get-subsidized-seeds-due-to-lack-of-otp-in-mobile-127410896.html

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