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चला गया सुशांत(कविता)

चला गया सुशांत(कविता)

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चला गया सुशांत,
सुनकर-
मन हो गया उदभ्रांत।१।
     सुंदर सार्थक जीवन में-
      बना कैसे आक्रांत।२।
कलाकार होता है निश्छल,
अंदर से बाहर तक सभ्रांत।३।
   संघर्षों का सहचर बनकर-
   जो चमक उठा था हर प्रांत।४।
उससे किसको कैसा भय?
जो था सुशांत निभ्रांत।५।
  क्यों फंदा का धंधा अपनाया?
  सुशांत सिंह राजपूत विक्रांत।६।
  ----:भारताका एक ब्राह्मण.
    ©संजय कुमार मिश्र "अणु"
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स्थापित फिल्मी बिहारी कलाकार सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या पर अश्रुपूरित रचना।
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