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कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार

कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार

हमारे संवाददाता शांतनु सिंह की रिपोर्ट 

कोरोना वायरस महामारी के समय बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में स्कैनिग कार्य करने के लिए संविदा पर नियुक्त कर्मचारी के साथ विभाग ने धोखाधड़ी की शांतनु कुमार नामक व्यक्ति को बिहार बोर्ड ने स्कैनिग कार्य करने के लिए रखा गया जब कार्य पूरा हो गया तो भुगतान में आना कानी शुरू की गई और उन्हें कार्य से भी हटा दिया गया एवं उनके रकम का गवन कर लिया गया है  |

दूसरी ओर बिहार के शिक्षा विभाग में संविदा नियुक्ति पर काम कर रहे कर्मचारियों पर संकट का पहाड़ टूट पड़ा है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने संविदा पर बहाल किए गए अधिकारी-कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने का फैसला किया है। इससे प्रदेश के शिक्षा विभाग में काम कर रहे सैकड़ों लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। बिहार बोर्ड ने घोषणा की कि 26 जुलाई के बाद संविदा पर बहाल सभी कर्मियों की नौकरी समाप्त कर दी जाएगी।

बता दें कि शिक्षा विभाग के निर्देश पर बिहार बोर्ड के सचिव प्रमोद कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया कि BSEB ने संविदा के आधार पर कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों को 11 माह के पहले नियोजन के बाद समय-समय पर 11 माह के लिए सेवा विस्तार दिया जाता रहा है। 22 मई 2018 को जारी शिक्षा विभाग के आदेश में कहा गया था कि इन कर्मियों की सेवा अवधि का विस्तार 26 जुलाई 2020 तक ही किया जाएगा। पर अब समिति ने इनकी सेवा का विस्तार नहीं करने का फैसला किया है। ऐसे में BSEB में संविदा के तहत काम कर रे सभी पदाधिकारी और कर्मचारियों की नौकरी 26 जुलाई 2020 को चली जाएगी। बहरहाल बोर्ड के इस आदेश के बाद उन अधिकारी-कर्मचारियों की नौकरी भी चली जाएगी जिन्हें सितंबर 2019 से लेकर जून 2020 तक का एक्सटेंशन मिला था। ये एक्सटेंशन भी निरस्त हो गया है।

बिहार बोर्ड ने अपने इस फैसले के पीछे का कारण नहीं बताया है। इस बारे में केवल सेवाएं समाप्त करने संबंधी बात कही गई है, उसके कारण का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पर माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण काल के कारण बनीं स्थिति के चलते सरकार ने ये फैसला किया है। बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। रोजाना सैकड़ों मामले अभी भी सामने आ रहे हैं।

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