सरस जीवन
*********
मधुमास रास वसुधा में
कान्हा-राधा रंगरंजित ,
तेजोमय दीप-पुलक में
शाश्वत रस : प्रेम सुसंचित ।
मानव क्या , सारे प्राणी
है बद्ध राग-बंधन में ,
आत्मिक है सारी सृष्टि
यह रचित सार तन-मन में ।
भरने को जीवन में उमंग
कर प्रेम-पुलक भी अंग-अंग ,
औरों के खातिर भी जीना
जीवन का है यह प्रकृत ढंग ।
---- राधामोहन मिश्र माधव
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com