Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सरस जीवन

सरस जीवन
*********
कलित काल कुसुमाकर निर्झरणी की झर-झर , प्रेम-सलिल-सिंचन से अनुरागी है तर-ब-तर ।

मधुमास रास वसुधा में
कान्हा-राधा रंगरंजित ,
तेजोमय दीप-पुलक में
शाश्वत रस : प्रेम सुसंचित ।

मानव क्या , सारे प्राणी
है बद्ध राग-बंधन में ,
आत्मिक है सारी सृष्टि
यह रचित सार तन-मन में ।

भरने को जीवन में उमंग
कर प्रेम-पुलक भी अंग-अंग ,
औरों के खातिर भी जीना
जीवन का है यह प्रकृत ढंग ।
---- राधामोहन मिश्र माधव
दिव्य रश्मि केवल समाचार पोर्टल ही नहीं समाज का दर्पण है |www.divyarashmi.com

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ