Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पिछली गर्मी में तालाब पानी मांग रहे थे, इस बार 3-4 फीट ही गिरा जलस्तर

(डॉ. मनीष कंठ, बायोटेक्नोलॉजी विभाग, अनुग्रह नारायण कॉलेज)प्रदेश के जलाशयों में मानसून के पहले ही पिछले साल के मुकाबले पांच गुणा पानी है तो राजधानी के तालाबों में अरसे बाद पानी लेवल से 3-4 फीट नीचे है। पिछले साल जो नहर-तालाब सूखे नजर आते थे, वहां भी इस साल मानसून के पहले ठीकठाक स्टॉक था। वजह हम भी हैं और मौसम भी।

पिछले साल गर्मी का मौसम लंबा खिंचा था, इसलिए नहर-तालाब पानी मांग रहे थे। फिर बारिश होने लगी तो रिकॉर्ड तोड़ दिए। यह पानी तालाबों से अमूमन वाष्पीकृत होता है, थोड़ा-बहुत सीधे उपयोग होता है और बाकी आसपास के भू-जल दोहन से इसका स्तर गिरता है। इस साल गर्मी आने के पहले लॉकडाउन लगा तो उपयोग घट गया। भू-जल दोहन भी।
हमारे लॉकडाउन में रहने से पर्यावरण को ठंडक मिली और गर्मी का असर कम हुआ तो वाष्पीकरण भी कम। बीच-बीच में बारिश भी हुई और तापमान 40 डिग्री के ऊपर कभी-कभी ही गया। इस कारण पटना में पिछले साल 31.3 फीट की गहराई पर पानी था, जो अब 26.5 फीट पर आ गया है। असर अब तालाबों-नहरों में भी खुली आंखों से दिख रहा है।

मानसून के प्रवेश तक फुलवारीशरीफ शिव मंदिर, तालाब, अनीसाबाद स्थित मानिकचंद तालाब, गर्दनीबाग रोड नंबर 10 स्थित तालाब, गर्दनीबाग स्थितकच्ची तालाब और पटना सिटी के मंगल तालाब में पानी का लेवल तीन-चार फीट ही नीचे उतरा।
(राजू कुमार से बातचीत पर आधारित)

शिवमंदिर तालाबफुलवारीशरीफ,तल से पानी की ऊंचाई-2019:05 फीट, 2020:07 फीट

तालाब के कुछ हिस्से में बाउंड्री सड़क से नीचे है, इसलिए बरसात में रोड का पानी भी तालाब में चला जाता है। तालाब भरने के बाद सड़क पर जलजमाव संभव है।

मानिकचंद तालाब अनीसाबाद,तल से पानी की ऊंचाई-2019:13 फीट, 2020:16 फीट

लॉकडाउन के कारण पानी साफ है। कहीं-कहीं विसर्जन का कचरा दिख रहा। आसपास का पानी नहीं जाता है। बरसाती पानी भी सड़क से बहकर नहीं जाता।

कच्ची तालाब, गर्दनीबाग,तल से पानी की ऊंचाई-2019: 03 फीट, 2020:12 फीट

आसपास का पानी नहीं आता है। अंदरूनी स्रोत भी है, जिसके कारण सूखता नहीं है। नंबर 16 के पार्षद जय प्रकाश ने बताया कि पिछले साल उड़ाही के लिए बोरिंग से पानी निकाला गया था। हर साल मई-जून माह में सूखने वाले गर्दनीबाग रोड नं. 10 के तालाब में इस बार करीब चार फीट पानी है, वह भी साफ।

दरगाह का तालाब, मनेर-पिछले साल बोरिंग से ऐतिहासिक तालाब बचा था, इस बार लबालब

मनेर शरीफ के मखदूम शाह याहिया मनेरी की दरगाह का तालाब कभी नहीं सूखता था, लेकिन पिछली गर्मी इस ऐतिहासिक तालाब के अस्तित्व को बचाने के लिए भास्कर की खबर के बाद बोरिंग से पानी भरा गया था। फिर अच्छी बारिश हुई। इस साल गर्मी में राहत और यदा-कदा बारिश के कारण आसपास के इलाके में भूगर्भ जलस्तर मेंटेन है। मानसून से पहले ही तालाब लबालब है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
बरसात में तालाब पूरा भर जाता है तो पानी आसपास के घरों में भी जाने लगता है। 1974 के बाद व्यापक उड़ाही नहीं हो सकी है। तीन साल से हर गर्मी 5 फीट पानी उतरता था, इस बार लेवल में रहा।


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/news/last-summer-ponds-were-asking-for-water-this-time-the-water-level-dropped-by-3-4-feet-127434708.html

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ