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कर्जा भरेंगे हम!


कर्जा भरेंगे हम!
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बुलेट ट्रेन पर तुम चलोगे,
कर्जा भरेंगे हम-
बोलो हर हर बम।

जर्जर यहाँ पटरियाँ सारी,
खुलेआम हैं मौत हमारी।
बचे रहोगे केवल तुमसब,
मरते रहेंगे हम-
बोलो हर हर बम।

आत्म-हनन करते किसान हैं,
भारत माता की जो शान हैं।
पर तेरी नजरों में उनकी
कीमत शायद कम-
बोलो हर हर बम।

'सबका विकास और सबका साथ',
सुन सत्ता दे दी तेरे हाथ।
पर कुछ लोगों की ही चिन्ता,
करते तुम हरदम-
बोलो हर हर बम।

लाख पन्द्रह की बातें छोड़ो,
साँसों की डोरी मत तोड़ो।
कबतक हम निर्धन रक्खेंगे,
बोलो तुम संयम-
बोलो हर हर बम।

'कर्जा लेकर घी पीयेंगे',
ऐसे हम कबतक जीयेंगे!
सिर पर सवार हो जायेगा,
यह कर्जा बनकर यम-
बोलो हर हर बम।
      -मिथिलेश कुमार मिश्र 'दर्द'

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