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भारतीय जन क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक ने जनता के हितों के लिए प्रधानमन्त्री को भेजा खुला पत्र |


भारतीय जन क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक ने जनता के हितों के लिए प्रधानमन्त्री को भेजा खुला पत्र |

पार्टी की प्रमुख माँग |
इस आपातकाल में देश की जनता आपकी ओर बड़ी आशा और विश्वास के साथ नजरे टिकाए देख रहीं है| जनता के हितों के वास्ते कमसे कम इन कार्यो को अवश्य पूरा करें |

1.    प्रधानमन्त्री जी अगर आप देश की एक सौ तीस करोड़ जनता को अपना मानते  है तो इस आपत काल में उसके बिजली के बिलोंको , पानी और अन्य प्रकार के सरकारी कर को समाप्त कर जीवन यापन हेतु उनके खाते में ५,००० की राशी हस्तांतरित करने का आदेश जरी करें |
2.    इस आपातकाल में हर प्रकार के मिडिया को मिलनेवाला विज्ञापन बंद करे |
3.    इस आपातकाल में देश के सभी मंत्रियो, विधायकों और सांसदों की निधियाँ और वेतन कम से कम अगले चार सालो के लिए बंद कर दीजिए|

 भारतीय जन क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश कुमार चौबे ने एक विज्ञप्ति जारी कर बतायाकि भारतीय जनता के बहुमूल्य धन पर एकाधिकार धन शोषण के सिद्धांत द्वारा संग्रहित होकर कुछ खास घरानों तक  देश की ज्यदातर सम्पतियों को पहुचाने का प्रयास जिस शासकीय कुटिलता  के साथ वर्तमान सरकार ने किया है वो सर्वविदित है | परन्तु इस संकट काल में देखने को मिलरहा है जिन घरानों को शासकीय कुटिलता से भरपूर लाभ मिला , जिसने शोषण के सिद्धांत के आधार पर बेसुमार धनार्जन किया है|उस धन का मूल अधिकार भारतीय जनता को है , कुछ खास घरानों ने इस संकट काल में देश के साथ खड़ा होना भी उचित नहीं समझा| जिस प्रकार भारत रत्न रतन टाटा और अजीम प्रेमजी सहित अनेक भारतीय उद्योगपतियों ने भारतीय जनता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए अपने धनर्जित सम्पति को अनेकानेक अवसरों पर भारतीय समाज की समृद्धि के लिए अर्पित करने का कार्य किया है l लेकिन गुजरात के इन चंद उद्योगपति जो कि प्रधानमंत्री के खासमखास हैं और सबसे अधिक लाड़ले हैं जिनके फायदे के लिए कायदे से नीतियां बनती बिगड़ती है ने अपने दायित्वों का कदापि उचित निर्वहन नहीं किया है l
भारतीय जन क्रान्ति दल भारतीय की समस्त जनता की ओर से माननीय प्रधानमंत्री और उनके खासमखास से इन प्रश्नों का जबाब चाहती है l
प्रधानमंत्री जी समय के कालचक्र के साथ आपको जनता के बीच इसका जबाब देना होगा l आपके करीबी व्यावसायिक घरानों को भी यह याद रखना होगा शोषण के सिद्धांत पर संग्रहित धन पर एकाधिकार न्यायोचित नहीं है l
भारतीय जनक्रान्ति दल  डेमोक्रेटिक जनता के सामने पारदर्शिता के साथ बेनकाब करने की तैयारी कर लिया है और उचित समय पर निशाना साधते हुए जनता को उनका अधिकार दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा l
भारतीय जनक्रान्ति दल  डेमोक्रेटिक माननीय प्रधानमंत्री जी को आगाह भी करना चाहती है लोकतंत्र में किसी एक व्यक्ति या दल की सदा नहीं चलती इसका इतिहास गवाह है जनता को तभी तक परेशान करना चाहिए जितना वो सह सके आप के कई अविवेकपूर्ण और जल्दबाजी के निर्णय ने देश की जनता को कष्ट में डाला है आप ठण्ढे दिमाग से सोचें और कार्य करें| महोदय प्रभु राम ने अपनी प्रजा धोबी के कहने से अपनी भार्या को घर से निकाल दिया था न की उस धोबी की हत्या की थी परन्तु जो भी मिडिया आप के अविवेकपूर्ण की भर्त्सना करता है वो दंड का भागी बनता है क्या यही आप का सनातन सिद्धांत है? 

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