कला संगम एवं समर्थ नारी समर्थ भारत महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर --- माया…
Read more »संयम की अरुणाई में, खुशियों की तरुणाई अंकुश अवांछित वैचारिकी, आत्म शक्ति परम बोध । रग रग विजय भव प्…
Read more »गाँव की हर गली में बातें बिछी पड़ी हैं, ऋषि रंजन पाठक गाँव की हर गली में बातें बिछी पड़ी हैं कदम-कद…
Read more »श्री गणेशाय नम: 17 नवम्बर 2024, रविवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »जनता ये जबतक यूँ जाहिल रहेगी| डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट• जनता ये जबतक यूँ जाहिल रहेगी, दरिन्दों से…
Read more »श्री गणेशाय नम: 16 नवम्बर 2024, शनिवार का दैनिक पंचांग एवं राशिफल - सभी १२ राशियों के लिए कैसा रहे…
Read more »ओरी तर के बात अब, आज उड़ियवले बाड़। कतना कतना बात अपना, पेट में छुपवले बाड़।। हिन्दू के लड़की जब, म…
Read more »करुणा की वर्षा अपने अंदर करुणा रखो आवेश नहीं, मेघ की वर्षा से पुष्प खिलते हैं उसकी गर्जना से नहीं। …
Read more »एक एक दिन उमर के, जैसे जैसे बढ़ल जात बा। जिनिगी के असली माजा अबगे बुझात बा।। काला से सफेद हो के…
Read more »धर्म मर्यादा शौर्य दर्शन,प्रभु राम की वंशावली में हिंदू धर्म परम आराध्य श्री राम, वंदित ब्रह्मा जी …
Read more »भारतीय जन महासभा ने मनाया हुतात्मा पं. नाथू राम गोडसे का बलिदान दिवस| हुतात्मा पं. नाथू राम गोडसे …
Read more »दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ ? सविता सिंह मीरा मुड़-मुड़ देख रहा था पुत्र राख हुए जन…
Read more »बेरोजगारी के साथी ऋषि रंजन पाठक तुम भी बेरोजगार हो, हम भी बेरोजगार हैं, आओ मिलकर एक-दूजे का दर्द सं…
Read more »माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग ने किया 71वाँ अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह 2024 का शुभारंभ पटना, 14 नव…
Read more »बाल दिवस-सह-किलकारी स्थापना दिवस का आयोजन आज बाल दिवस पर बाल दिवस-सह-किलकारी स्थापना दिवस का आयोजन …
Read more »बिहार सोशल मीडिया एवं अन्य ऑनलाईन मीडिया नियमावली, 2024 की स्वीकृति दी गई। मंत्रिपरिषद् की बैठक में…
Read more »ब्राजील की नई जलवायु योजना: 2035 तक बड़े एमिशन कटौती का लक्ष्य COP29 जलवायु सम्मेलन में ब्राजील के …
Read more »क्यों नहीं हम क्रन्दनों के गाँव चलते हैं । डॉ रामकृष्ण मिश्र क्यों नहीं हम क्रन्दनों के गाँव चलते ह…
Read more »बाल दिवस पूर्व में किये थे अच्छे कर्म तभी तो पाया मनुष्य जन्म। क्या मनुष्य जन्म मिलना ही इस दुनियाँ…
Read more »बचपन के दिन बचपन के दिन भी क्या दिन थे, उड़ते फिरते तितली बन, ओ बचपन । फूलों में खेलते, चिड़ियों से…
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वनिता सौंदर्य अपरंपार कुमार महेंद्र मोहक केश कृष्ण घटाएं, सांझ सवेरे इठलाती । चारु चंद्र सी चंचलता,…
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