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पोर्ट ब्लेयर से ऐतिहासिक संदेश — वीर सावरकर की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण

पोर्ट ब्लेयर से ऐतिहासिक संदेश — वीर सावरकर की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण

पोर्ट ब्लेयर/नई दिल्ली:
आज देश के इतिहास में एक अतुलनीय और गर्व का क्षण दर्ज हुआ, जब पोर्ट ब्लेयर में भारत के माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक आदरणीय मोहन भागवत जी ने स्वतंत्रता संग्राम के अमर वीर वीर विनायक दामोदर सावरकर की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण किया।
यह अवसर केवल एक अनावरण समारोह नहीं था, बल्कि भारत माता की स्वतंत्रता के लिए असहनीय यातनाएँ झेलने वाले उस अमर सपूत को राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीकात्मक प्रणाम था, जिन्हें Cellular Jail (सेलुलर जेल) में काले पानी की सज़ा देकर ब्रिटिश शासन ने तोड़ने का प्रयास किया, परंतु उनकी अटूट जिजीविषा और राष्ट्रभक्ति को कभी मिटा नहीं सके।
कार्यक्रम का गरिमामय आयोजन

लोकार्पण समारोह में भारी संख्या में स्थानीय नागरिक, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। वातावरण ‘वीर सावरकर अमर रहें’, ‘भारत माता की जय’ के नारों से गुंजायमान था।

गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा—
वीर सावरकर का जीवन साहस, त्याग और राष्ट्रभक्ति का अक्षय दीप है। यह प्रतिमा भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देगी कि देश के हित में कैसे अपना सब कुछ अर्पित किया जाता है।”

वहीं सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने कहा—
“सावरकर ने स्वतंत्रता का स्वप्न केवल देखा नहीं, उसे जीकर दिखाया। उनके विचार और दृष्टि आज भी भारत के सांस्कृतिक-राष्ट्रीय पुनर्जागरण की आधारशिला हैं।”
केवल प्रतिमा नहीं, एक राष्ट्रीय संदेश

नव-स्थापित प्रतिमा वीर सावरकर के अदम्य मनोबल, वीरता और राष्ट्र के प्रति अनन्य समर्पण की जीवंत अभिव्यक्ति है। स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर ने क्रांति, संगठन, साहित्य और विचार—सब माध्यमों से युवाओं को राष्ट्रहित में खड़े होने का संदेश दिया था।

पोर्ट ब्लेयर का यह स्थान, जहां कभी स्वतंत्रता सेनानियों को अमानवीय यातनाएँ दी जाती थीं, आज उस ऐतिहासिक सत्य का साक्षी बना जब भारत सरकार ने उन्हीं वीरों को सर्वोच्च सम्मान के साथ याद किया।
यातना-भूमि से राष्ट्रीय गौरव का तीर्थ

जिस कालापानी की दीवारों में कभी कराहें गूँजती थीं, आज वहां राष्ट्रगौरव, सम्मान और प्रेरणा की ध्वनि गूँज रही है। यह प्रतिमा उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति को भी नमन है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों तक को न्यौछावर कर दिया।
देश के महान नायकों को सलाम

इस लोकार्पण के साथ ही यह संदेश स्पष्ट है कि भारत अपने उन सच्चे नायकों को कभी नहीं भूलता, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की नींव अपने खून-पसीने और बलिदान से खड़ी की।

वीर सावरकर को विनम्र श्रद्धांजलि —
भारत माता के अमर वीर सपूतों को शत-शत नमन!अगर आप चाहें तो मैं इसे न्यूज चैनल स्क्रिप्ट, फेसबुक पोस्ट, या संक्षिप्त ब्रेकिंग न्यूज फॉर्म में भी तैयार कर सकता हूँ।
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