सीमा मिश्रा,मरु संस्कृति का मृदुल मधुर स्वर
कुमार महेंद्रगायन अंतर अद्भुत सम्मोहन,
हर प्रस्तुति शुभ मंगल मधुमय ।
लोक राग रंग स्पर्श मनमोहक,
सुर लहरियां उद्गम भाव प्रणय ।
राजस्थान सांस्कृतिक धड़कन,
गीत संगीत सुरभित जन अधर ।
सीमा मिश्रा,मरु संस्कृति का मृदुल मधुर स्वर ।।
प्रदत्त लोक गीत जीवंत रूप,
दिनचर्या समावेशी अथक प्रयास ।
नारी स्नेह प्रेम करुणा विरह सह ,
परिधान श्रृंगार बिंदु स्पर्श उजास ।
त्योहार उत्सव विवाह गीत मनोरम,
दर्शित खुशियां मरुधरा घर घर ।
सीमा मिश्रा,मरु संस्कृति का मृदुल मधुर स्वर ।।
अप्रतिम ढाई हजार मोहक गीत,
हर प्रस्तुति अद्भुत अनुपम विशेष ।
अथाह थिरकन झूम जन तरंग,
परिवेश उत्संग मुस्कान अधिशेष ।
अनन्य योगदान कला संवर्धन,
मरु कोकिला हर कदम मनहर ।
सीमा मिश्रा,मरु संस्कृति का मृदुल मधुर स्वर ।।
प्रेरणास्पद गीत संगीत यात्रा,
सजग प्रयास संस्कृति उत्थान ।
घूमर चूड़ी चमके पिया जी सह ,
कुएं पर एकली एल्बम अमर गान ।
कामना विश्व गगन गूंजे स्वर लहरियां,
सदा वंदित हो मरु लता मंगेशकर ।
सीमा मिश्रा,मरु संस्कृति का मृदुल मधुर स्वर ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag


0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com