सुनो,अरावली माता की पुकार
कुमार महेंद्रविश्व प्राचीनतम वलित श्रृंखला,
विस्तार दिल्ली सह गुजरात ओर ।
आग्नेय चट्टानें देह यौवन सौष्ठव,
परिधि स्नेहिल हरितिमा सराबोर ।
सिंधु _गंगा जल विभाजक रेखा,
उत्संग अतुलित खनन भंडार ।
सुनो,अरावली माता की पुकार ।।
पालक वनस्पति वन्य जीव,
जैव विविधता पावन सिंधु ।
जलवायु नियंत्रण अहम काज,
रेगिस्तान विस्तार अवरोध बिंदु ।
उत्संग भव्य इतिहास पैनोरमा,
मंदिर महल किले दर्शन साकार ।
सुनो,अरावली माता की पुकार ।।
उत्तर भारत सुरक्षा कवच,
शक्ति संतुलन अस्तित्व कारक ।
क्षत्रिय मातृभूमि गौरव छटा,
हिंद आन बान शान धारक ।
जीवन पटल संजीवनी पर्याय,
धरा मेरुदंड महत्ता अपार ।
सुनो,अरावली माता की पुकार ।।
प्राकृतिक आपदा अंकुश छवि,
पर्यटन आजीविका अहम श्रोत ।
हाल सर्वोच्च न्यायालय आदेश,
अरावली भविष्य संकट ओतप्रोत ।
नव अर्थ परिभाषा अमानवीय,
परिणाम प्रकृति आंचल हाहाकार ।
सुनो,अरावली माता की पुकार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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