भाजपा प्रवक्ता संजीव मिश्र उर्फ ‘गीता वाले बाबा’ को मिला संस्कृत साधक सम्मान 2025, श्रीमद्भगवद्गीता के वैश्विक प्रसार में अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित

पटना। विहार संस्कृत संजीवन समाज: द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्कृत साधक सम्मान समारोह में बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता, पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता तथा ‘श्रीमद्भगवद्गीता आपके द्वार’ अभियान के संस्थापक संजीव कुमार मिश्र उर्फ गीता वाले बाबा को “संस्कृत साधक सम्मान–2025” से सम्मानित किया गया। शहर के दिनकर गोलंबर के समीप राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के वातानुकूलित सभागार में आयोजित इस समारोह में देशभर के संस्कृत विद्वानों और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
श्रीमद्भगवद्गीता के अद्वितीय प्रचार-प्रसार के लिए सम्मान
डॉ. संजीव कुमार मिश्र ने पिछले 6 वर्षों में 6 लाख से अधिक लोगों तक निःशुल्क श्रीमद्भगवद्गीता पहुंचाकर अद्वितीय कीर्तिमान स्थापित किया है। बिहार से लेकर विदेशों तक गीता के संदेश को पहुँचाने के उनके अभियान ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘गीता वाले बाबा’ के रूप में प्रसिद्ध किया है। समाज और युवा वर्ग में गीता के अध्ययन की नई चेतना जगाने हेतु उनके अथक प्रयास को इस सम्मान के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया।
वरिष्ठ अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया सम्मानित
संजीव मिश्र को यह प्रतिष्ठित सम्मान उत्तर प्रदेश के पूर्व गृह सचिव एवं समाज के संरक्षक डॉ. अनिल कुमार सिंह, संस्कृत समाज: के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार ओझा, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार झा और संस्कृत विद्वान श्री अनिल कुमार चौबे द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
सभा में वक्ताओं ने कहा कि गीता वाले बाबा ने जिस निष्ठा और समर्पण से पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया है, वह आज के समय में एक प्रेरणादायी मिसाल है। उनके प्रयासों से न केवल संस्कृत भाषा, बल्कि भारतीय संस्कृति के मूलरूप—गीता-ज्ञान—का वैश्विक प्रचार संभव हुआ है।
अन्य विद्वानों का भी सम्मान
समारोह में अशर्फी देवी अच्छेलाल सिंह डिग्री महाविद्यालय, लालगंज, वैशाली के संस्कृत प्राध्यापक अरविन्द कुमार मिश्र को भी संस्कृत सेवा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इससे पूर्व अनेक विद्वानों ने संस्कृत भाषा के समृद्ध साहित्य और उसके संरक्षण के महत्व पर अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए।
गीता वाले बाबा की प्रतिक्रिया
सम्मान प्राप्ति पर संजीव कुमार मिश्र ने कहा—
“यह सम्मान श्रीमद्भगवद्गीता का है, मेरा नहीं। समाज का हर वर्ग गीता को अपनाए, यही मेरा संकल्प है। आगे भी जीवन पर्यंत गीता के संदेश को मानवता तक पहुँचाने का कार्य जारी रखूंगा।” कार्यक्रम के अंत में संस्कृत मंत्रोच्चार, सम्मान समारोह और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ आयोजन संपन्न हुआ। समारोह में बड़ी संख्या में शिक्षक, छात्र, बुद्धिजीवी और समाजसेवी उपस्थित थे।
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