नैपकॉन 2025 सम्मेलन में देशभर से 3000 से अधिक श्वसन चिकित्सा विशेषज्ञ , शोधकर्ता और अंतरराष्ट्रीय संकाय एकसाथ शामिल हुए ।

- मोहिनी प्रिया
पटना के सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में 11 दिसम्बर , 2025 से शुरू हुए 27वें जॉइंट नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन पल्मोनरी डिजीज ( नैपकॉन 2025 ) , ग्लोबल रीच , लोकल टच थीम पर आधारित इस सम्मेलन में देशभर से श्वसन रोग विशेषज्ञ , युवा चिकित्सक , शोधकर्ता और अंतरराष्ट्रीय संकाय शामिल हुए । बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और राज्यों में श्वसन बीमारियों के बढ़ते बोझ पर चिंता व्यक्त की । उन्होंने कहा कि राज्य में एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शंस की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है , और इनके नियंत्रण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि चिकित्सा और विशेषज्ञ शोध के जरिए समाधान जरूर खोज रहे हैं , लेकिन लोगों को जागरूक करना भी अत्यंत आवश्यक है । उन्होंने टीबी , विशेषकर मल्टी - ड्रग रेसिस्टेंट टीबी को गंभीर चुनौती बताया , वहीं सीओपीडी , अस्थमा , इंटरस्टिशल लंग डिजीज और आॅक्यूपेशनल फेफड़े के रोगों में चिकित्सा और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया । उद्घाटन समारोह में डॉ राज कुमार को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025 से सम्मानित किया गया । साथ ही इंडियन चेस्ट सोसाइटी के बिहार स्टेट चैप्टर को बेस्ट स्टेट चैप्टर अवार्ड प्रदान किया गया ।

आयोजन सचिव और इंडियन चेस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. डॉ सुधीर कुमार , साथ ही पीएमसीएच के चेस्ट विशेषज्ञ डॉ बी के चौधरी ने बताया कि पटना में प्रदूषित रोगों की स्थिति चिंताजनक है । यूके से आए फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ गणेश रघु ने बताया कि दुनिया भर में लंग कैंसर से होने वाले मौतों में सबसे बड़ी भूमिका वायु प्रदूषण निभा रहा है । हवा में मौजूद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं और लंबे समय में लंग कैंसर का जोखिम बढ़ा देते हैं ।
सम्मेलन में प्लेनरी व्याख्यान ,परिचर्चा और वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए गए हैं , जिनमें वैश्विक प्रगति को स्थानीय स्वास्थ्य देखभाल में लागू करने पर चर्चा की जाएगी । इसमें ब्रोंकोस्कोपी , इबस , पाॅलीसोमनोग्राफी , थौरैसिक अल्ट्रासाउंड , पी एफ टी , मेकैनिकल वेंटिलेशन , मेडिकल थोराकोस्कोपी , पल्मोनरी रेडियोलाॅजी , पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन , एक्मो और एलर्जी एवं इम्यूनोथेरेपी पर व्यावहारिक कार्यशालाएँ आयोजित की गई । यह चार दिवसीय सम्मेलन ( 11 - 14 दिसम्बर 2025 ) नैपकॉन 2025 पटना श्वसन रोगों के क्षेत्र में नवीनतम शोध और तकनीकों को साझा करने का एक महत्वपूर्ण मंच है । - मोहिनी प्रिया
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