आधुनिक चिकित्सा पद्धति का नेत्र है रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी

- 'विश्व रेडियोलौजी दिवस' पर हेल्थ इंस्टिच्युट में आयोजित हुआ समारोह, विद्यार्थियों ने बनायी झांकी
पटना, 8 नवम्बर। 'रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी' स्वास्थ्य-सेवाओं का वह क्षेत्र है, जिसे आधुनिक चिकित्सा पद्धति का नेत्र कहा जा सकता है। अनेक प्रकार के रोगों और शारीरिक समस्याओं की पड़ताल में इसका सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण योगदान है।
यह बातें शनिवार को, 'विश्व रेडियोलौजी दिवस' के अवसर पर, बेउर स्थित संस्थान इंडियन इंस्टीच्युट औफ़ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशकप्रमुख डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने कहा कि रेडियोलौजी में पहले की तुलना में बहुत विकास हुआ है। 'एक्स-रे' से आगे बढ़ी इसकी यात्रा 'एम आर आई' तक पहुँच चुकी है। आज इनके विना रोगों का उपचार असंभव हो गया है।
डा सुलभ ने कहा कि अपने समय के महान वैज्ञानिक विलियम सी रोंटजन ने सन 1895 में 8 नवंबर को 'एक्स-रे' की खोज की थी। इसीलिए इस तिथि को 'विश्व रेडियोलौजी दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 'एक्स-रे' के आविष्कार ने चिकित्सा विज्ञान ही नहीं जीवन के अनेक क्षेत्रों में क्रांति पैदा की, जिसका लाभ आधुनिक संसार को आज भी मिल रहा है।
समारोह की मुख्य अतिथि और वरिष्ठ रेडियोलौजिस्ट डा ऐश्वर्या सिंह ने कहा कि एक प्रशिक्षित रेडियो टेक्नोलौजिस्ट की बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। यह ख़ुशी की बात है कि इस संस्थान में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है और शिक्षा का स्तर भी ऊँचा है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक से रेडियो इमेज लेना और अधिक सरल हो गया है। एम आर आई में बहुत ही कम रेडियेशन होता है। आधुनिक तकनीक से हम बहुत सरलता से रोगों की पड़ताल कर सकते हैं।
वरिष्ठ रेडियो टेक्नोलौजिस्ट डा सरोज कुमार, बिहार पारा मेडिकल ऐशोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण, प्रो मधुमाला तथा डा रूपाली भोवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
अतिथियों का स्वागत संस्थान के रेडियोलौजी विभाग के अध्यक्ष डा संतोष कुमार सिंह ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन संस्थान के छात्र कल्याण अध्यक्ष अधिवक्ता अहसास मणिकान्त ने किया। वरिष्ठ छात्राएँ मुस्कान कुमारी तथा अमन ने मंच का संचालन किया
इस अवसर पर संस्थान के बैचलर ऑफ रेडियो इमेजिंग टेक्नोलौजी के पूर्ववर्ती छात्र को शुभम कुमार सिंह, ओम् प्रकाश सिंह तथा कक्षा में सर्वाधिक उपस्थिति के लिए अनामिका कुमारी को सम्मानित किया गया। संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा रेडियोलौजी से संबंधित वैज्ञानिक-प्रदर्शनी भी लगायी गयी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार, डा नवनीत कुमार, प्रो संजीत कुमार, प्रो चंद्रा आभा, डा आदित्य ओझा, प्रो देवराज, प्रो शालिनी कुमारी समेत बड़ी संख्या में संस्थान के शिक्षक, कर्मी और छात्रगण उपस्थित थे।
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