फूलों से गर प्यार बहुत है|
डॉ. मेधाव्रत शर्मा, डी•लिट•(पूर्व यू.प्रोफेसर)
परबत के ही दर्देदिल को आबशार हो बहना होगा ।
सात घूँट भागवतकथाऽमृत भी पीनेवाले को तो,
तक्षक के सम्मेकातिल से जलना ही जलना होगा।
तवारीख को चले बदलने अपनी काली लगग़्वियात से,
थूकेगा मुस्तक़्बिल,दुनिया का मख़ौल भी सहना होगा।
अक्लोकलम का सौदा करने वालो होश सँभालो,
आज उड़ा लो गुलछर्रे,कल तो जुरमाना भरना होगा।
कुद्रत का आईन बख़ूबी सख़्तोरासिख़ बेमेहर,
ख़म्याज़ा जाली करतूतों का बेबाक भुगतना होगा।
(सम्मेकातिल =बहुत ही सख्त विष। मुस्तक़्बिल =भविष्य। आईन =विधान। सख्तोरासिख बेमेहर =कठोर,अटल और निर्मम। खम्याजा =करनी का फल।लगग़्वियात से =झूठों से। )
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag


0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com