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जीबीएम कॉलेज में इतिहास विभाग द्वारा एक दिवसीय व्याख्यान का हुआ आयोजन

जीबीएम कॉलेज में इतिहास विभाग द्वारा एक दिवसीय व्याख्यान का हुआ आयोजन

  • मुख्य वक्ता के रूप में प्रो मुकेश कुमार ने "दि अॉयरन मैन अॉफ इंडिया एण्ड आइडिया अॉफ भारत : फ्रॉम इन्टिग्रेशन टू इन्सपिरेशन" विषय पर रखे विचार
गया जी। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में इतिहास विभाग की ओर से आईक्यूएसी के तत्वावधान में प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल की अध्यक्षता में एवं आयोजन सचिव इतिहास विभाग की सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कृति सिंह आनंद के नेतृत्व में "दि अॉयरन मैन अॉफ इंडिया एण्ड आइडिया अॉफ भारत : फ्रॉम इन्टिग्रेशन टू इन्सपिरेशन" विषय एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित हुआ। व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता मगध विश्वविद्यालय बोधगया के आईक्यूएसी कोअर्डिनेटर एवं स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुकेश कुमार रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रो मुकेश कुमार, प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल, प्रो सहदेब बाउरी, प्रो अफशां सुरैया, डॉ कृति सिंह आनंद, डॉ अनामिका कुमारी, डॉ रानी कुमारी, डॉ अमृता कुमारी एवं उपस्थित प्राध्यापक प्राध्यापिकाओं ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया। तत्पश्चात इतिहास विभाग की छात्रा श्रुतकीर्ति, दरक्शां परवीन, श्रुति, श्रेया, जिया कुमारी, संजना, आरती, राधा, श्रेया मिश्रा, मुस्कान, श्वेता कुमारी, शिवानी कुमारी, प्रियांशु, अनीषा कुमारी ने सुमधुर स्वर में महाविद्यालय कुलगीत की सुमधुर प्रस्तुति दी। इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ अनामिका कुमारी ने विषय वस्तु पर प्रकाश डाला।

कीनोट स्पीकर प्रो मुकेश कुमार ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी, कृत्यों, पुस्तकों एवं विचारों पर सविस्तार प्रकाश डालते हुए कहा कि सरदार पटेल ने भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने का हर संभव प्रयत्न किया। उन्होंने सिविल सेवकों को प्रदत्त शक्तियों को संतुलित तथा नियंत्रण में रखने की बात कही। सिविल सरवेंट्स को राष्ट्रवादी बनाने पर जोर दिया। प्रो. मुकेश ने बताया कि पटेल को बारदोली की महिलाओं ने सरदार कह कर बुलाया था। पटेल ने राष्ट्र निर्माण की दिशा में स्वास्थ्य और शिक्षा विभागों में अनेक सुधार किये। देशवासियों को भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक किया। भारत के गृहमंत्री के रूप में उन्होंने देश के गाँवों के उत्थान के लिए कार्य किया। जीवन के विविध आयामों को परस्पर जोड़ने की बात कही। भारत की राजनीतिक, सामाजिक, एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों का सूक्ष्मता से निरीक्षण किया तथा राहत कार्यों के माध्यम से भारतीय जनता से जुड़ने का यथासंभव प्रयत्न किया।

अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रधानाचार्या डॉ सीमा पटेल ने सरदार पटेल को एक कर्तव्यपरायण तथा दृढ़ संकल्प व्यक्तित्व वाला महापुरुष ठहराया। सरदार पटेल की जीवनी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण कथाओं पर प्रकाश डालते हुए प्रधानाचार्या ने कहा कि सरदार पटेल के अंदर पद लोलुपता नहीं थी। वे हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत रहेंगे। धन्यवाद ज्ञापन डॉ नगमा शादाब ने किया। मंच का संचालन आयोजन सचिव डॉ कृति सिंह आनंद ने किया। उन्होंने भी सरदार पटेल को लौहपुरुष कहे जाने के पीछे निहित कारणों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में प्रो. सहदेब बाउरी, प्रो. अफ्शां सुरैया, डॉ नगमा शादाब, डॉ प्रियंका कुमारी, डॉ पूजा राय, डॉ अमृता कुमारी घोष, डॉ प्यारे माँझी, डॉ फरहीन वज़ीरी, डॉ रुखसाना परवीन, डॉ शुचि सिन्हा, डॉ सीता, डॉ डॉ नुद्रतुन निसां, डॉ प्रमिला कुमारी, डॉ अफ्शां नाहिद, डॉ शबाना परवीन हुसैन, डॉ विजेता लाल, डॉ वीणा कुमारी जायसवाल, डॉ फातिमा, डॉ आशुतोश कुमार पांडेय, डॉ सुरबाला कृष्णा, डॉ सपना पांडेय, डॉ किरण कुमारी, डॉ गणेश प्रसाद, अभिषेक कुमार, रौशन कुमार, नीरज कुमार, अजीत कुमार की उपस्थिति रही।

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