पंचतत्व में विलीन हुआ,सिनेजगत का ध्रुव तारा
कुमार महेंद्रप्रेरणा पुंज व्यक्तित्व कृतित्व,
अभिनय कला आनंद प्रदायक ।
सहज सरस पात्र भूमिका,
संवाद संपर्क अपनत्व परिचायक ।
सिनेमा अंतर ही मैन छवि,
मानवता उन्मुख फिल्मांकन सारा ।
पंचतत्व में विलीन हुआ,सिनेजगत का ध्रुव तारा ।।
मंचन मेघा अद्भुत अनुपम,
अभिनेता कर्तव्य निर्वहन अनूप ।
हाव भाव परम मैत्री हितैषी,
मृदुल मधुर हास्य विनोद कूप ।
विनम्र शिष्ट सदाचारी स्वभाव,
मुखारबिंद दिव्य ओज पसारा ।
पंचतत्व में विलीन हुआ,सिनेजगत का ध्रुव तारा ।।
फिल्म राजनीति उत्तम शोभा,
व्यवहार सदा प्रेरणा पुंज ।
सतत चरित्र उपासना भक्ति,
चलचित्र दुनियां सदृश निकुंज ।
प्रदर्शन सौष्ठव सहज सरस,
सजग प्रयास स्नेह प्रेम भाईचारा ।
पंचतत्व में विलीन हुआ,सिनेजगत का ध्रुव तारा ।।
दिल भी तेरा हम भी तेरे संग ,
फिल्मी दुनिया पटल श्री गणेश ।
तीन सौ पार मोहक फिल्म ,
इक्कीस अंतिम गौरव सर्वेश ।
कोटि कोटि नमन महानायक,
युग युगांतर चरित्र अमर उजियारा ।
पंचतत्व में विलीन हुआ,सिनेजगत का ध्रुव तारा ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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