Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

श्वेत बाघों की धरती: रीवा : प्रकृति और नवाचार का संगम

श्वेत बाघों की धरती: रीवा : प्रकृति और नवाचार का संगम

सत्येन्द्र कुमार पाठक
मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में स्थित रीवा जिला, अपनी समृद्ध बघेल रियासत के गौरवशाली इतिहास को समेटे हुए है। यह न केवल अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि आधुनिकता के प्रतीक नवाचारों के कारण भी विश्व पटल पर अपनी पहचान बना रहा है। इसे विश्वभर में 'लैंड ऑफ व्हाइट टाइगर्स' (श्वेत बाघों की धरती) के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यहीं से दुनिया को पहला सफेद बाघ, 'मोहन' मिला था, जो आज वैश्विक सफेद है ।
रीवा, 24° 18′ और 25° 12′ उत्तरी अक्षांश तथा 81° 2′ और 82° 18′ पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल लगभग 6240 वर्ग किलोमीटर (2410 वर्ग मील) है।: इसके उत्तर-पूर्व में उत्तर प्रदेश की सीमाएँ, दक्षिण में सीधी जिला, और पश्चिम में सतना जिला है। जिले का भू-भाग मुख्यतः एक पठारी क्षेत्र है, जिसमें दक्षिण में कैमोर पर्वतमाला की ऊँची शृंखलाएँ (450 मीटर से अधिक) हैं।: रीवा शहर बिछिया और बीहर नदियों के तट पर बसा है। गंगा की सहायक नदियाँ—टोंस (तमस के साथ) और सोन—जिले के जल निकासी का मुख्य स्रोत हैं।जनसंख्या: 2011 की जनगणना के अनुसार, रीवा जिले की कुल आबादी 2,365,106 थी।
रीवा रियासत की स्थापना लगभग 1400 ईस्वी में बघेल राजपूतों द्वारा की गई थी, जिसकी नींव व्याघ्र देव ने रखी थी। इस कारण उन्हें व्याघ्र देव वंशज भी कहा जाता है।राजधानी का स्थानांतरण: मुगल सम्राट अकबर द्वारा बांधवगढ़ नगर को ध्वस्त किए जाने के बाद, 1597 ईस्वी में रीवा को बघेल रियासत की स्थायी राजधानी के रूप में चुना गया।आज़ादी के बाद: आज़ादी के बाद, रीवा विंध्य प्रदेश की राजधानी बना, जिसे बाद में 1956 में मध्य प्रदेश के पुनर्गठन के समय इसमें मिला लिया गया।रीवा किला: बघेल राजाओं का किला, बिछिया और बीहर नदी के संगम पर स्थित है, जो भगवान महामृत्युंजय के प्राचीन मंदिर के साथ-साथ खड़ा है।गोविंदगढ़ किला: यह किला बघेल राजाओं की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी और ऐतिहासिक रूप से यहीं पर पहला सफेद बाघ 'मोहन' रखा गया था।
रीवा का सबसे विशिष्ट गौरव इसकी सफेद बाघों की उत्पत्ति है। दुनिया में आज पाए जाने वाले सभी सफेद बाघों का वंशज रीवा का बाघ 'मोहन' ही है। मोहन का आगमन: 27 मई 1951 को, रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तण्ड सिंह ने सीधी जिले के बरगड़ी जंगल से 6 माह के एक सफेद बाघ शावक को पकड़ा। उन्होंने इसे 'मोहन' नाम दिया और गोविंदगढ़ किले में उसके लिए एक विशेष 'बाघ महल' बनवाया। वैश्विक पहचान और विस्तार के लिए मोहन के वंशजों को दुनिया के विभिन्न देशों जैसे इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोप में भेजा गया, जिससे सफेद बाघों की नस्ल पूरी दुनिया में फैल गई। 1987 में मोहन के नाम पर डाक टिकट भी जारी किया गया था। मोहन की विरासत को आगे बढ़ाते हुए, रीवा और सतना जिले की सीमा पर महाराजा मार्तण्ड सिंह बघेल व्हाइट टाइगर सफारी एवं चिड़ियाघर, मुकुंदपुर का निर्माण किया गया है, जो सफेद बाघों के संरक्षण का केंद्र है। यह रीवा शहर से मात्र 13 किमी दूर स्थित है। रीवा को 'झरनों का शहर' भी कहा जाता है, जहाँ विंध्य पठार से उतरती हुई नदियाँ कई मनमोहक जलप्रपातों का निर्माण करती है ।विंध्य पठार की सुंदरता को दर्शाते हुए यहाँ चार प्रमुख झरने हैं । बहुती जलप्रपात: सेलर नदी पर स्थित, यह मध्य प्रदेश का सबसे ऊँचा झरना है।चचाई जलप्रपात: बीहर नदी पर स्थित।केंवटी जलप्रपात: महाना नदी पर स्थित।पुरवा जलप्रपात: टोंस नदी पर स्थित।पियावन घिनौची धाम: प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर एक अन्य प्रमुख स्थल में प्राचीन एवं धार्मिक स्थल।रीवा में ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व के कई स्थल हैं: । देउर कोठार: प्राचीन बौद्ध स्तूपों का स्थल, जिसे सम्राट अशोक द्वारा निर्मित माना जाता है। महामृत्युंजय मंदिर: रीवा किला परिसर में स्थित, यह मंदिर अपने विशिष्ट 1008 छिद्रों वाले शिवलिंग के लिए जाना जाता है। चिरहुलानाथ हनुमान मंदिर: रीवा नगर के पूर्व में स्थित एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ।देवतालाब: भगवान शिव का एक ही पत्थर का मंदिर।पचमठा मन्दिर: आदि-शंकराचार्य द्वारा अनुग्रहित स्थल। रानी तालाब: शहर के मध्य में स्थित, जिसके पश्चिम में देवी काली का मंदिर है।
आधुनिक भारत का प्रतीक: नवाचार और ऊर्जा रीवा ने अब केवल अपने ऐतिहासिक गौरव तक ही सीमित न रहकर, आधुनिक ऊर्जा के क्षेत्र में भी एक मील का पत्थर स्थापित किया है। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट रीवा की गुढ़ तहसील की बदवार पहाड़ियों पर 750 मेगावाट क्षमता का रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है, जो एक समय में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पार्क था। इसका क्षेत्रफल लगभग 6.4 वर्ग किलोमीटर है।यह भारत का पहला ऐसा सोलर प्रोजेक्ट है जिसने सबसे कम टैरिफ पर बिजली आपूर्ति करने का रिकॉर्ड बनाया। इसकी सफलता पर हॉवर्ड यूनिवर्सिटी में केस स्टडी भी की जा रही है, जिसे 'रीवा मॉडल' के रूप में जाना जाता है। यह परियोजना दिल्ली मेट्रो को भी बिजली प्रदान कर रही है, जो ओपन एक्सेस के माध्यम से राज्य के बाहर किसी व्यावसायिक संस्थान को बिजली देने वाला पहला प्रोजेक्ट परियोजना का उद्घाटन 10 जुलाई 2020 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों द्वारा किया गया था।
रीवा जिला, अपने उपजाऊ मैदानों और घने जंगलों के बीच, इतिहास, आध्यात्मिकता और विज्ञान का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत करता है। बघेल राजाओं की गौरव गाथा, श्वेत बाघों की विश्वव्यापी पहचान, जलप्रपातों की प्राकृतिक सुंदरता और भारत के ऊर्जा क्षेत्र में रीवा मॉडल का अभूतपूर्व योगदान इसे मध्य प्रदेश का एक अनिवार्य और गतिशील हिस्सा बनाते हैं। सुपाड़ी से बने खिलौनों और मूर्तियों की विश्व प्रसिद्धि भी रीवा की कला और शिल्प को दर्शाती है। रीवा आज भी विंध्य की संस्कृति और प्रगति का एक जीवंत केंद्र बना हुआ है।


हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ