नेता अभिनेता
बैंजू ढोल अरु बाजे खूब झाल ,नेता नगरी में भरल बाटे माल ।
एक एक सब कुछ नजर में आई ,
जब ठीक से देखीं नजर डाल ।।
नेता नेता सब एके नेता ,
सबके बाटे एकही हाल ।
चुनाव में झूठे दलील देके ,
आपन बजावे खूबे गाल ।।
झूठ साॅंच बोल बतावे चाल ,
मन में घोटाला लिहले पाल ।
अंदर करिया बाहर गोर खाल ,
दोसरा के जईसे छिलीहें छाल ।।
नेता भीरी होखेला बड़ जाल ,
नेता बनावेला दोसरे के ढाल ।
चुनाव वक्त ठोके कसके ताल ,
दोसरा के छिनेवाला उ थाल ।।
चाहत कोई के गलो ना दाल ,
जीत के जश्न में बजावे नाल ।
नेता अभिनेता के होखे चाहत ,
गरीबी मेटी गरीब होईहें नेहाल ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag


0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com