Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

धनतेरस

धनतेरस

चहात तो रखते है
धन की सभी जन।
पर उपयोग धन का
वो करते नहीं।
धन आने पर बंद,
तिजोरी में करते है।
पर लक्ष्मीजी तो लोगों
बहुत चंचल होती है।
तो उसे कैद तुम
कैसे कर सकते हो।।


धन और विद्या में
अंतर बहुत होता है।
दोनों का मिलन भी
बहुत कम होता है।
वास जहाँ लक्ष्मीजी करती है
सरास्वतीजी का वहाँ आभाव होता है।
बड़ा ही अजीब खेल,
विद्यता ने रचा है।
इसलिए साथ दोनों का
कम ही रहता है।।


विद्या से जो करते है,
धन का उपयोग।
वही पुण्यात्मा और
दानवीर कहलाते है।
इसलिए समाज में,
उच्च स्थान पाते है।
और जरूरत मंदो को,
उच्च शिक्षा दिलाते है।
और शिक्षित समाज का
निर्माण करवाते है।।


जय जिनेन्द्र
संजय जैन "बीना" मुंबई
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ