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स्वागत है कार्तिक!

स्वागत है कार्तिक!

-मार्कण्डेय शारदेय
आज से कार्तिक प्रारम्भ हो गया।पवित्र कार्तिक-स्नान तथा नियम-पालन आरम्भ हो गया।यह इतना विशेष मास है कि भारतीय संस्कृति इसे सिर-आँखों पर बैठाए रखती है।इस महीने पर्व-त्योहारों की अधिकता-ही-अधिकता दिखती है।10 अक्तूबर (शुक्रवार) को करक चतुर्थी (करवा चौथ) है तो 13 अक्तूबर (सोमवार) को अहोई।14 को राधाष्टमी तो 17 को गोवत्स-द्वादशी।18 अक्तूबर (शनिवार) को धन्वन्तरि-जयन्ती एवं धनतेरस (दिन में 1.20 के बाद से) है तो 19 को नरक-चतुर्दशी तथा हनुमान-जयन्ती।
विख्याततम प्रकाशोत्सव दीपावली इसबार 20 अक्तूबर (सोमवार) को है।इस दिन चतुर्दशी तिथि दिन में 2.35 तक है।इसलिए जो व्यापार-वृद्धि के लिए लक्ष्मीपूजा करते हैं, वे 2.35 के बाद ही कर सकते हैं।22अक्तूबर को अन्नकूट व गोबर्धन-पूजा तथा 23 को गोधन एवं चित्रगुप्त-पूजा है।
बिहार का लोकपर्व छठ का महाव्रत इस बार 27 अक्तूबर (सोमवार) को है, जो 25 अक्तूबर (शनिवार) से 28 अक्तूबर (मंगलवार) तक चलेगा।वहीं अक्षय-नवमी 30 अक्तूबर (गुरुवार) को, देवोत्थान (जेठान) एकादशी 01 नवम्बर (शनिवार) को तो कार्तिक पूर्णिमा 05 नवम्बर (बुधवार) को।
इस तरह यह कार्तिक अनेक तरह से भारतीय संस्कृति को समेटे चला आया है।
स्वागत है कार्तिक!

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