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भाई दूज

भाई दूज

रिश्तों में सबसे प्यारा है
भाई दूज त्यौहार हमारा।
बना रहे स्नेह प्यार,
भाई-बहिन में सदा सदा।
भाई-दूज के कारण बहिन
मिलने आती भाई से।
और याद करा देती है
भाई बहिन के रिश्तों को।।


संबंध हमेशा बना रहे,
डोर रिश्तों की बंधे रहे।
बना रहे अपास में प्यार
मायके के सब जनो से।
इन्हीं सबको जोड़ने तो
आता है भाई-दूज का त्योहार।
मिलना मिलाप हो जाता है
हर साल में देखो एक बार।
हर साल में देखो एक बार।।


कैसे रक्षा की थी कृष्ण ने
अपनी बहिन द्रोपती की।
सबकी आंखों में वो दृश्य
झलकता है आज भी।
धागे के बंध से ही कृष्ण
बहिन रक्षा को आये थे।
और दिया वचन था रक्षा का,
तो बहिन प्रति निभाये थे।।


भाई बहिन के स्नेह प्यार का
कैसा है ये अनूठा बंध।
जिसको के कहते है लोग
भाई दूज भाई दूज भाई दूज।।


सभी पाठकों के लिए भाई दूज की बहुत बहुत बधाई और अनेक शुभकामनाएं।


जय जिनेन्द्र
संजय जैन "बीना" मुम्बई
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